Share Market Holiday
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार (NSE और BSE) इस बार एक लंबा ब्रेक लेने जा रहा है। लगातार तीन दिन यानी शनिवार, 12 अप्रैल, रविवार, 13 अप्रैल और सोमवार, 14 अप्रैल को बाजार पूरी तरह से बंद रहेगा। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि ये तीनों दिन अलग-अलग वजहों से छुट्टी पड़ रही है।
शनिवार और रविवार को तो वैसे भी बाजार बंद रहता है, लेकिन इस बार सोमवार को भी बंद रहेगा — क्योंकि 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती है। यह दिन पूरे देश में एक राष्ट्रीय अवकाश के तौर पर मनाया जाता है। इसी कारण शेयर बाजार के सभी सेगमेंट — जैसे इक्विटी, डेरिवेटिव्स, करेंसी और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग — सभी बंद रहेंगे।
Share Market Holiday
इससे पहले, पिछले हफ्ते गुरुवार को भी बाजार बंद था, लेकिन शुक्रवार को जब बाजार खुला, तो उसमें जबरदस्त तेजी देखी गई। निफ्टी 50 इंडेक्स करीब 429 अंक ऊपर जाकर 22,828 पर बंद हुआ, और सेंसेक्स 1,310 अंक चढ़कर 75,157 के स्तर पर पहुंच गया। यह तेजी यह दिखाती है कि बाजार में निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
अब जब बाजार 15 अप्रैल को खुलेगा, तो सभी की नजर इस बात पर होगी कि क्या यह तेजी जारी रहेगी या बाजार में कोई नई दिशा देखने को मिलेगी। लेकिन मज़ेदार बात यह है कि अगला हफ्ता भी पूरा नहीं खुलेगा। 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे की छुट्टी है, यानी उस हफ्ते भी बाजार सिर्फ मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ही खुलेगा।
Share Market Holiday
इस खबर के पीछे एक और दिलचस्प पहलू है — डॉ. अंबेडकर का योगदान सिर्फ सामाजिक न्याय तक सीमित नहीं था, उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर भी गहरा चिंतन किया था। उन्होंने 1923 में “The Problem of the Rupee: Its Origin and Its Solution” नाम की किताब लिखी, जिसमें उन्होंने भारत की मौद्रिक व्यवस्था पर जो सुझाव दिए थे, उन्हीं के आधार पर बाद में RBI यानी भारतीय रिज़र्व बैंक की नींव रखी गई।
डॉ. अंबेडकर ने अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की थी, और फिर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डॉक्टरेट भी प्राप्त की थी। वे ना सिर्फ संविधान निर्माता थे, बल्कि भारत के सबसे विद्वान अर्थशास्त्रियों में भी गिने जाते हैं।
तो इस तीन दिन की बाजार की छुट्टी सिर्फ एक अवकाश नहीं, बल्कि डॉ. अंबेडकर के बहुआयामी योगदान को याद करने और सम्मान देने का अवसर भी है। बाजार तो 15 अप्रैल को फिर से खुलेगा, लेकिन इस दौरान निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा और अगली रणनीति पर सोचने का अच्छा मौका मिल सकता है।