AB News

CG News: गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग को लेकर सड़क पर आसन लगाकर बैठे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग को लेकर सड़क पर आसन लगाकर बैठे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

Shankaracharya Avimukteshwaranand Saraswati sat on the road demanding declaration of cow as the mother of the nation

भिलाई. देश में गौ हत्या बंद करने और गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग को लेकर ज्योतिष पीठाधिश्वर जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद आज 10 बजकर 10 मिनट पर 10 मिनट के लिए भिलाई में सड़क पर आसन लगाकर धरने पर बैठ गए. जहां उनके साथ भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव, भिलाई निगम के महापौर नीरज पाल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र यादव सहित अन्य मौजूद रहे.

गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग को लेकर सड़क पर आसन लगाकर बैठे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

वहीं छावनी चौक को महाराज के निर्देश पर भिलाई निगम के महापौर नीरज पाल ने गौ माता चौक के नाम पर बदलने की घोषणा की, यहां शंकराचार्य ने केंद्र की सरकार पर जमकर निशाना साधा. जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि गौ हत्या सरेआम हो रही है, गौ मांस भी सरेआम बिक रहा है. लेकिन देश की सरकार अब तक चुप है, मौन है गौ हत्या को लेकर किसी तरह का कोई कानून नहीं बनाया गया है.

इसे भी पढ़े – 10 मार्च सुबह 10:10 बजे 10 मिनट के लिए सांकेतिक भारत बंद! बड़े साधु संत देंगे सड़कों पर धरना…. ये है वजह

सनातन और हिंदू समाज यह चाहता है कि गौ हत्या के लिए कड़े से कड़े एक नियम कानून बनाना चाहिए, तो वहीं गौ हत्या करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा होनी चहिए. गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा भी दिया जाए. जगतगुरू अविमुक्तेश्वर के इस धरने में सैकड़ो संख्या में की संख्या में लोग भी मौजूद थे, वहीं उन्होंने ने कहा कि देश में रामलला के आने का हल्ला हो रहा है. अब जब राम लला आ गए हैं तो भारत की सरकार गाय को राष्ट्र माता घोषित करे और गो हत्या निषेध कानून बना दे, बाकी जिम्मेदारी हमारी है.

इसके बाद एक भी गाय परेशानी में हो या सड़क पर मिले तो हमें बताना. हम तो इस मामले में सरकार की जिम्मेदारी हटाकर स्वयं यह जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं, लेकिन पहले कानून बनना चाहिए, जो आप नहीं बना रहे. हर सनातनी के घर में जो भोजन बनता है, उसमें पहली रोटी गो-ग्रास की होती है. गाय का काम हमारे लिए पहला दायित्व है. उसके संरक्षण के लिए मठ हो या मंदिर हम सभी जगह गोमाता का संरक्षण करेंगे.

Exit mobile version