रायपुर, 01अगस्त। SC Instructions : लगभग 20 वर्षों तक विधानसभा में सेवाएं देने वाले सात मार्शलों की बर्खास्तगी का आदेश गुरुवार शाम जारी किया गया। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की अंतिम आलोचना के मद्देनजर की गई है, जिसके अनुपालन के लिए विधानसभा कनिष्ठ सचिवालय ने आदेश जारी किया। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने बुधवार शाम को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए बर्खास्तगी संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी।
मामले की पृष्ठभूमि
इन सात मार्शलों की नियुक्ति विधानसभा गठन के बाद 2004, 2005, 2006 और 2007 में की गई थी। इनमें सुशील चंद्रोल, राजेश कुमार, मनीष चंद्राकर सहित अन्य शामिल थे। नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए और हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। सिंगल बेंच ने इन्हें वैध ठहराया लेकिन बाद में डबल बेंच ने प्रक्रिया को अवैध कहा। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, जिसने डबल बेंच के फैसले को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में विधानसभा सचिवालय ने गुरुवार शाम सेवा मुक्त करने का आदेश जारी किया।
आगे की प्रक्रिया
उसी समय, विधानसभा सचिवालय ने CG Vyapam (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) की माध्यम से नए मार्शलों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि चयन सूची जारी हो चुकी है और जल्द नियुक्ति आदेश दिए जाएंगे।
नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता
इस कदम ने सिद्ध कर दिया है कि नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता और प्रक्रिया-नियम का पालन कितना आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेशित किसी भी फैसले में कार्रवाई से स्वतंत्रता का अधिकार समाप्त नहीं हो सकता, चाहे कितनी भी सेवा दी गई हो।
मार्शलों की दो दशकों से चल रही सेवा के बावजूद बर्खास्ती आदेश प्रशासन और न्यायपालिका की सीमाओं में संतुलन की जरूरत को रेखांकित करता है। नए भर्ती नियमों के अनुसार चयन प्रक्रिया होगी ताकि भविष्य में इसी तरह के विवाद न उत्पन्न हों।