Sansad Budget Session
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर चुका है, लेकिन यह शांतिपूर्ण रहने की संभावना कम है। विपक्ष पहले से ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। मणिपुर में पिछले 21 महीनों से जारी जातीय हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया था, जिससे विपक्ष सरकार पर हमलावर है।
मणिपुर पर सरकार बनाम विपक्ष
गौरतलब है कि मणिपुर में कुकी और मेइती समुदायों के बीच लंबे समय से हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।
अब विपक्ष इसे लोकतंत्र के खिलाफ कदम बताते हुए संसद में इस पर चर्चा और विरोध करने की तैयारी कर रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे “जनता के अधिकारों का हनन” बता रहे हैं।
Sansad Budget Session
बजट सत्र में और किन मुद्दों पर हंगामे के आसार?
मणिपुर के अलावा, विपक्ष संसद में कई और मुद्दों को भी उठाने की तैयारी में है:
- वक्फ संशोधन विधेयक – सरकार इस बिल को पेश करने जा रही है, लेकिन इसे लेकर पहले ही विवाद छिड़ चुका है।
- मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियां – विपक्ष ने चुनावी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया है।
- संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन – कुछ दल इसे भेदभावपूर्ण बता रहे हैं और इस पर बहस की मांग कर रहे हैं।
सरकार की रणनीति
सरकार की प्राथमिकता अनुदान मांगों को पारित कराना और मणिपुर का बजट पास करवाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मणिपुर का बजट पेश करेंगी, क्योंकि राज्य में राष्ट्रपति शासन के चलते यह केंद्र के माध्यम से पेश किया जा रहा है। इसके अलावा, गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को लेकर संसद में वैधानिक प्रस्ताव भी पेश कर सकते हैं।
Sansad Budget Session
सूत्रों के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि मणिपुर पर सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव होना तय माना जा रहा है। अगर सरकार कोई मजबूत दलील नहीं देती, तो विपक्ष इसे और बड़ा मुद्दा बना सकता है।
वहीं, सरकार अपने फैसले को सही ठहराने के लिए तर्क पेश करेगी कि राष्ट्रपति शासन वहां की स्थिरता के लिए जरूरी था। संसद के इस सत्र में घमासान होना तो तय है। अब देखना यह होगा कि यह हंगामे में बदलता है या सार्थक बहस में।