Sambhal violence
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद आज पहली जुमे (शुक्रवार) की नमाज होगी। बता दें कि इस हिंसा में पांच लोग मारे गए थे, लेकिन पुलिस ने चार लोगों के मौत की पुष्टि की है। आज जुमे की नमाज को लेकर चप्पे पर पुलिस बल को तैनात किया गया है। इससे पहले गुरुवार को पुलिस ने मस्जिद के पास के इलाकों में फ्लैग मार्च किया।
READ MORE – Gurugram Encounter : बिहार के कुख्यात और इनामी गैंगस्टर सरोज राय का हरियाणा में एनकाउंटर
यहां इलाके में भारी बल पुलिस जगह जगह पर तैनात किया गया है। वहीं पुलिस की ओर से ड्रोन कैमरा के जरिये भी लगातार निगरानी की जा रही है। इस दौरान एक बार फिर पुलिस को मॉनिटरिंग के दौरान घरों की छतों पर ईंट पत्थर रखे नजर आए। जिसके बाद संभल पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए लोगों से घरों की छतों से ईंट हटाने के लिए कहा है।
क्या है पूरा मामला?
19 नवंबर को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट में मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया था। कोर्ट ने उसी दिन सर्वे का आदेश दिया और वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था। उसी दिन शाम को मस्जिद में वीडियोग्राफी कराई गई थी।
Sambhal violence
इसके बाद एडवोकेट कमिश्नर ने रविवार को दूसरे चरण की वीडियोग्राफी कराई। इसी दौरान बवाल हो गया था। इसमें पथराव और फायरिंग में चार लोगों की मृत्यु हो गई थी। कई पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के साथ सिपाही घायल हुए थे। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई आज
इसी मामले को लेकर मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में निचली अदालत के सर्वे के आदेश को चुनौती दी गई है। याचिका में मांग की गई है कि निचली अदालत के फैसले पर तुंरत रोक लगाई जाए। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की बेंच शुक्रवार को सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में एक पक्ष शाही जामा मस्जिद का प्रबंधन है, जबकि दूसरा पक्ष हरि शंकर जैन का है। मुस्लिम पक्ष ने मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना से जल्द सुनवाई की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि ये असाधारण मामला है इसलिए अदालत को असाधारण कदम उठाना चाहिए।