Sadbhavna Diwas
भारत देश के सातवें और सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी के जन्मदिन के मौके पर उनकी स्मृति में पूरा देश 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाता है। राजीव गांधी एक ऐसा नाम है भारत के साथ-साथ देश के बाहर भी गूंजता आया है। देश के इतिहास में अहम स्थान रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। आज 20 अगस्त को पूरा देश उनकी 80वीं जयंती मना रहा है।
युवा होने के नाते वे एक अनूठी और अभिनव विचार प्रक्रिया रखते थे। सद्भावना दिवस का प्राथमिक लक्ष्य विभिन्न धर्मों और भाषाओं के लोगों के बीच राष्ट्रीय सामंजस्य और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम भारत में सभी जातियों, संप्रदायों और धर्मों के लोगों के बीच दीर्घकालिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
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इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के सबसे बड़े बेटे राजीव अपना करियर एविएशन में बनाना चाहते थे। राजीव गांधी को राजनीति में कोई रुचि नहीं थी, ये बात सबको पता है। लेकिन सवाल यह है कि जब पॉलिटिक्स पसंद नहीं थी तो राजीव बाद में राजनीति में क्यों उतरे थे? भाई संजय गांधी की 23 जून 1980 को एक प्लेन हादसे में मौक हो गई थी।
23 जून 1980 को वह पॉलिटिक्स में आए और अपने भाई की सीट अमेठी से चुनाव लड़ा। साल 1981 में राजीव गांधी को इंडियन यूथ कॉंग्रेस का प्रेसीडेंट बने। पीएम रहते हुए टेक्नोलॉजी और इकोनॉमी में सुधार लाने वाले राजीव गांधी का जीवन कई हैरान करने वाली बातों से घिरा रहा था।
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राजीव गांधी भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। 20 अगस्त 1944 को राजीव गांधी का जन्म मुंबई में हुआ था। 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने भारत की शिक्षा और अर्थव्यवस्था को उन्नत करने के उद्देश्य से कई नवाचारों को लागू किया।
उनकी कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियों में शामिल हैं। जिनमे राष्ट्रीय शिक्षा नीति, जवाहर नवोदय विद्यालय प्रणाली, दूरसंचार विकास, आर्थिक सुधार, युवा सशक्तिकरण जैसे महत्वकार्य शामिल है। 21 मई 1991 को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के आतंकवादियों द्वारा एक आत्मघाती बम हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी।