S JAISHANKAR
मुख्य बिंदु:
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पाकिस्तान की परमाणु धमकी पर जयशंकर की दो टूक: भारत नहीं डरता।
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इजरायल-ईरान के बीच भारत की मध्यस्थता के लिए तत्परता।
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अमेरिका से जटिल लेकिन संभावित ट्रेड डील की उम्मीद।
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भारत-चीन संबंधों में संतुलन और इंडो-पैसिफिक में क्वाड की अहमियत।
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बदलती वैश्विक व्यवस्था में भारत की स्वतंत्र भूमिका।
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘न्यूजवीक’ को दिए एक खास इंटरव्यू में भारत की वैश्विक भूमिका, विदेश नीति और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिए हैं। उन्होंने पाकिस्तान की परमाणु धमकी को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि भारत अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखेगा।
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जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान को शांति वार्ता से पहले आतंकवाद खत्म करना होगा, क्योंकि “एक अच्छा पड़ोसी और आतंकवादी एक साथ नहीं रह सकते।” उन्होंने दो टूक कहा कि भारत अब आतंकी संगठनों को ‘प्रॉक्सी’ मानकर नहीं छोड़ने वाला, बल्कि आतंक के हर रूप के लिए राज्य को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत न केवल इजरायल और ईरान दोनों के साथ अच्छे रिश्ते रखता है, बल्कि उनके बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों में मदद को भी तैयार है। भारत की विशिष्ट स्थिति की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “हम उन कुछ देशों में हैं जो दोनों पक्षों से ईमानदारी से संवाद कर सकते हैं।”
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अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत के विषय में जयशंकर ने भरोसा जताया कि एक जटिल लेकिन संभावनाओं से भरी डील की ओर दोनों देश बढ़ रहे हैं। उन्होंने ट्रंप और मोदी के व्यक्तिगत रिश्तों को व्यापारिक संवाद में मददगार बताया।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्वाड की भूमिका, चीन के साथ भारत के जटिल रिश्तों और विश्व राजनीति में हो रहे बदलावों को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी। उनका कहना था कि आज की दुनिया अब गठबंधन आधारित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हित आधारित हो गई है। भारत, चीन और रूस जैसे देशों का बढ़ता प्रभाव वैश्विक व्यवस्था को नई दिशा में ले जा रहा है।
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