रायपुर, 04 नवम्बर। RERA : छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (छ.ग. रेरा) ने घर खरीदारों (Allottees) के हित में एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी किया है। रेरा ने स्पष्ट किया है कि किसी परियोजना की विस्तार अवधि (Extension Period) और आधिपत्य तिथि (Possession Date) दो अलग-अलग अवधारणाएं हैं। रेरा ने कहा कि परियोजना की अवधि बढ़ने का अर्थ यह नहीं है कि खरीदार को घर सौंपने की तय तिथि भी अपने आप बढ़ जाती है।
समय पर परियोजना पूर्ण करना ही रेरा का उद्देश्य
रेरा ने बताया कि रेरा अधिनियम 2016 का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पंजीकृत रियल एस्टेट परियोजनाएं निर्धारित समय सीमा में पूरी हों और खरीदारों को समय पर उनका घर या फ्लैट मिले।
क्या है परियोजना की वैधता अवधि?
रेरा के अनुसार, परियोजना की वैधता अवधि वह समयावधि है जिसे प्रमोटर (Promoter) पंजीयन के समय घोषित करता है। इसी अवधि के भीतर निर्माण कार्य पूरा करने का वादा किया जाता है। यह समयावधि रेरा अधिनियम की धारा 4(2)(l)(C) के तहत निर्धारित की जाती है।
क्या होती है आधिपत्य तिथि?
आधिपत्य तिथि (Possession Date) वह तिथि है जो खरीदार और बिल्डर के बीच हुए Agreement for Sale में उल्लेखित होती है। यह वही दिन होता है जब खरीदार को फ्लैट या प्लॉट का वास्तविक कब्जा मिलना चाहिए।
यदि प्रमोटर समय पर काम पूरा नहीं कर पाए तो?
रेरा ने कहा कि यदि कोई प्रमोटर तय समय में निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पाता, तो वह रेरा से परियोजना की वैधता अवधि बढ़ाने की अनुमति (Extension) ले सकता है। लेकिन, इस विस्तार का अर्थ यह नहीं है कि आधिपत्य तिथि अपने आप आगे बढ़ जाएगी।
खरीदार क्या करें यदि कब्जा देर से मिले?
रेरा ने कहा कि यदि प्रमोटर तय तिथि पर कब्जा नहीं देता, तो खरीदार रेरा में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
रेरा अधिनियम की धारा 18 के तहत खरीदार को ब्याज या धनवापसी का अधिकार प्राप्त है। रेरा ने घर खरीदारों से अपील की है कि वे Agreement for Sale में दी गई आधिपत्य तिथि को ध्यानपूर्वक पढ़ें और किसी भी प्रकार के भ्रम से बचें। यदि तय तिथि पर कब्जा नहीं मिला है, तो खरीदार रेरा पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर ब्याज या धनवापसी का दावा कर सकते हैं।
