Reaction on budget
रायपुर. मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट पेश हो चुका है जिसके बाद अलग अलग वर्गों की प्रतिक्रिया सामने आई है. किसान वर्ग ने बजट पर असहमति जताई है. छत्तीसगढ़ भारतीय किसान यूनियन के महासचिव तेजराम विद्रोही ने इसे झुनझुना पकड़ाने वाला बजट बताते हुए मोदी सरकार पर भी हमला बोला है, कहा कि कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का रीढ़ है उसके लिए 1 लाख 27 हजार करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया है जबकि रेलवे क्षेत्र जिसे निजीकरण व ठेकाकरण कर अडानी के हवाले किया जा रहा है.

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उसके लिए बजट में 2 लाख 55 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है अर्थात सरकारी पैसों से रेलवे का विकास करो और संचालन के लिए अडानी को सौंप दो, न किसानों की आय दुगुनी हुई और न ही किसानों की फसलों को खरीद करने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई कानूनी गारंटी मिली.
बजट में किसानों के लिए क्या खास
– वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2,000 करोड़ रुपए बढ़ा कृषि बजट
– सरकर सार्वजनिक और निजी निवेश को बढ़ावा देगी
– पांच एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित किए जाएंगे
– डेयरी किसानो के लिए सरकार व्यापक कार्यक्रम बनाएगी
– कृषि और जलवायु क्षेत्र में नैनो डीएपी का इस्तेमाल किया जाएगा
– मत्स्य सम्पदा योजना के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाया जाएगा
– तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार निति बनाएगी
– हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए जैव-विनिर्माण और बायो-फाउंड्री की नई योजना की शुरुआत होगी
– एमएसपी का दायरा नहीं बढ़ाया, किसान सम्मान निधि की राशि में भी बदलाव नहीं, सरकार ने मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का दायरा नहीं बढ़ाया है
– बजट में महिला किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि डबल यानी सालाना 6000 से बढ़कर 12000 रुपए की जाने की उम्मीद थी, लेकिन इसमें भी कोई बदलाव नहीं किया गया है
– सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एग्रीकल्चर सेक्टर को 1.27 लाख करोड़ रुपए दिए हैं, ये पिछले साल के मुकाबले केवल 2% यानी 2,000 करोड़ रुपए बढ़ा है, सरकार ने पिछले साल एग्रीकल्चर बजट के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए थे.
कर्मचारी क्यों हुए निराश?
कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने बजट को लेकर अपनी प्रतक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट बुजुर्गों, कर्मचारी, पेंशनरों व आम जनता के लिए निराशाजनक है, लोकसभा चुनाव के पूर्व प्रस्तुत बजट में अनेक जनहितैषी निर्णय की अपेक्षाएं थीं, जिसमें प्रमुख रूप से कर्मचारियों को आयकर से मुक्त करना, एनपीएस ओपीएस के विवाद से देश व प्रदेश के कर्मचारियों को मुक्त कर, 2004 के पूर्व पुरानी पेंशन योजना लागू करने, आयकर में छूट देने, सीनियर सिटीजन को लाभ देने, तथा चुनाव पूर्व मोदी की गारंटी में ₹500 में गैस सिलेंडर, ₹1000 प्रत्येक महिला को महतारी बंधन योजना तथा केंद्रीय कर्मचारियों के समान मूल्य सूचकांक पर राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी महंगाई भत्ता देने, एनएसडीएल कंपनी में जमा एनपीएस की राशि वापस दिलाने के लिए पहल करने तथा पूरे देश में एक समान पुरानी पेंशन योजना 2004 के पूर्व लागू करने के संबंध में केंद्रीय बजट मौन है.