Rangbhari Ekadashi 2025
बनारस। काशी में होली की शुरुआत का शुभ संकेत देने वाले रंगभरी एकादशी उत्सव की तैयारी पूरी हो चुकी है। बता दें कि बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में कल रंगभरी एकादशी धूमधाम से मनाई जाएगी। 300 साल से भी ज्यादा पुरानी इस परंपरा में देवाधिदेव महादेव, गौरा मइया का गौना कराने के लिए अपने ससुराल जाएंगे।
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इस शुभ अवसर पर बाबा के भक्त रंग-गुलाल लगाकर बाबा से होली खेलने की अनुमति मांगेंगे और पूरे मंदिर परिसर में भक्ति और उल्लास का माहौल छा जाएगा। इस खास मौके पर बाबा विश्वनाथ का दिव्य शृंगार किया जाएगा। इस बार बाबा का शृंगार बेहद अनोखा होगा। अयोध्या की टोपी, कर्नाटक का रुद्राक्ष और मथुरा-वृंदावन से आया गुलाल, जिससे बाबा का दिव्य रूप रंगों से सराबोर हो जाएगा।
Rangbhari Ekadashi 2025
पौराणिक मान्यता
रंगभरी एकादशी का संबंध माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह से जुड़ा हुआ है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, लेकिन विवाह के बाद माता गौरा का गौना नहीं हुआ था। रंगभरी एकादशी के दिन महादेव स्वयं गौरा मइया का गौना कराकर उन्हें काशी लाते हैं। इसी उपलक्ष्य में इस दिन बाबा विश्वनाथ का विशेष शृंगार किया जाता है और शोभायात्रा निकाली जाती है।
Rangbhari Ekadashi 2025
श्रद्धालु पूरे हर्षोल्लास के साथ बाबा को अबीर-गुलाल अर्पित करते हैं और काशी के कोने-कोने में होली का उल्लास गूंज उठता है। काशीवासियों के लिए यह दिन बेहद खास होता है, क्योंकि इसे होली की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन बाबा को गुलाल से सराबोर कर दिया जाता है, और पूरा मंदिर परिसर भक्ति और उल्लास से भर उठता है।