Rajnandgaon News
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मोहड़ गांव (थाना बसंतपुर क्षेत्र) में बुधवार की रात रेत माफिया की दबंगई खुलकर सामने आई। अवैध रेत खनन का विरोध करने पहुंचे ग्रामीणों पर माफियाओं ने कट्टे से फायरिंग कर दी। करीब 4-5 राउंड गोली चलने की बात सामने आई है, जिसमें तीन लोग घायल हुए हैं। गांव के युवक रोशन मंडावी के सिर को गोली छूते हुए निकल गई, जिसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीणों ने पुलिस वाहन को गांव में घुसने नहीं दिया, महिलाएं रास्ते में बैठ गईं। ग्रामीणों का साफ आरोप है कि रेत माफिया को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है, जिससे वे लगातार रात के अंधेरे में रेत चोरी कर रहे हैं।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रैकेट में एक पार्षद और खनिज विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। पुलिस पर भी माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया गया है।
जांच और प्रशासन की स्थिति:
मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और घायलों को इलाज के लिए भेजा गया है। हालांकि अभी तक खनिज विभाग और जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई या गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बता दें कि महज तीन दिन पहले गरियाबंद जिले में भी रेत माफिया की गुंडागर्दी सामने आई थी। वहां अवैध रेत खनन का कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों पर हमला किया गया था। पितईबंद रेत घाट पर पत्रकारों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया और कैमरा, आईडी कार्ड तक छीन लिया गया था। इस घटना में भी माफियाओं ने दो बार हवाई फायरिंग की थी।
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वहीं लगातार सामने आ रही इन घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में रेत माफिया बेखौफ हो चुके हैं। प्रशासनिक कार्रवाई की सुस्ती और राजनीतिक संरक्षण ने हालात को विस्फोटक बना दिया है। जनता, पत्रकार और कानून — सभी निशाने पर हैं, और जवाबदेही सवालों के घेरे में।