Rajasthan Paper Leak
राजस्थान में सरकारी भर्तियों में धांधली का एक और मामला सामने आया है, जहां जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा-2018 और वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 के पेपर लीक होने का खुलासा हुआ। इस मामले में टीसीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर समेत 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जांच में पता चला कि पेपर 60 लाख रुपये में बेचा गया था और इसका नेटवर्क हरियाणा, यूपी, गुजरात और राजस्थान तक फैला हुआ था।
कैसे हुआ जेल प्रहरी परीक्षा का पेपर लीक?
अक्टूबर 2018 में आयोजित जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा का संचालन सरदार पटेल यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया था, और इसे टेक्नोलॉजी कंपनी टीसीएस के जरिए आयोजित किया गया था। 28 अक्टूबर 2018 को जयपुर के कूकस स्थित एक निजी कॉलेज सेंटर से परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया। एसओजी को जब सूचना मिली कि कुछ अभ्यर्थियों के फोन में परीक्षा शुरू होने से पहले ही उत्तर कुंजी मौजूद थी, तो मामले की जांच शुरू हुई।
Rajasthan Paper Leak
जांच में सामने आया कि टीसीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर जगजीत सिंह ने परीक्षा का पेपर लीक किया और इसे करण कुमार और देवव्रत को 60 लाख रुपये में बेचा। पूछताछ के दौरान पता चला कि पेपर लीक का यह खेल कई दलालों और अभ्यर्थियों तक फैला था।
वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2020: कांस्टेबल ने पत्नी के लिए खरीदा लीक पेपर
इसी तरह, वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 में भी बड़ा घोटाला सामने आया। बाड़मेर में तैनात कांस्टेबल लिखमाराम ने अपनी पत्नी टिमो कुमारी के लिए लीक हुआ पेपर 6 लाख रुपये में खरीदा था। यह पेपर गुजरात में रेलवे के सहायक स्टेशन मास्टर सांवरा राम के जरिए उपलब्ध कराया गया था। एसओजी ने कांस्टेबल, उसकी पत्नी और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
Rajasthan Paper Leak
इन दोनों मामलों ने साबित कर दिया है कि भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक होना एक संगठित अपराध बन चुका है। इसमें टेक्नोलॉजी कंपनियों से लेकर सरकारी कर्मचारी और दलाल तक शामिल हैं। अब सरकार को परीक्षा प्रणाली को साइबर सिक्योरिटी और सख्त कानूनों के जरिए मजबूत करने की जरूरत है, ताकि मेहनती और योग्य अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।