Raipur Central Jail
रायपुर। जेल की दीवारों के भीतर अब सिर्फ सज़ा नहीं, बल्कि सुधार की रौशनी भी दिखाई देगी। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर सेंट्रल जेल में एक अनूठी पहल करते हुए कैदियों के लिए विशेष सिनेमा हॉल की शुरुआत की गई है। यह कदम न केवल कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की दिशा में है, बल्कि उनके सामाजिक पुनर्वास को भी नई दिशा देने वाला है।
जेल के भीतर बनी एक ‘सकारात्मक दुनिया’
जेल प्रशासन ने आधुनिक तकनीक से सुसज्जित सिनेमा हॉल तैयार कराया है, जिसमें बड़ी स्क्रीन, प्रोजेक्टर और हाई-क्वालिटी साउंड सिस्टम जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां हर हफ्ते कैदियों को देशभक्ति, सामाजिक मूल्यों और प्रेरणा से भरपूर फिल्में दिखाई जाएंगी।
जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने बताया कि, “यह सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि एक शिक्षण मंच भी है। हमारा उद्देश्य है कि कैदी अपने भीतर झांकें, सोचें और समाज में फिर से एक अच्छे नागरिक के रूप में लौटें।”
Raipur Central Jail
फिल्में बदलेंगी सोच, बढ़ेगा आत्मविश्लेषण
इस सिनेमा हॉल में दिखाई जाने वाली फिल्मों का चयन बहुत सोच-समझकर किया जाएगा। इसमें न केवल बॉलीवुड की प्रेरणादायक फिल्में, बल्कि शॉर्ट फिल्म्स, डॉक्यूमेंट्रीज़ और नैतिक शिक्षा पर आधारित कंटेंट भी शामिल होंगे। उम्मीद की जा रही है कि ये फिल्में कैदियों के भीतर पश्चाताप की भावना, आत्म-सुधार की इच्छा और समाज में दोबारा जुड़ने की प्रेरणा जगाएंगी।
पुनर्वास की दिशा में मजबूत कदम
यह पहल रायपुर सेंट्रल जेल में पहले से चल रहे सुधार कार्यक्रमों का विस्तार है। जेल में पहले से ही ‘उत्थान मॉल’ के तहत कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री हो रही है। इसके साथ-साथ अब यह सिनेमा हॉल मानसिक और भावनात्मक विकास का भी मंच बन जाएगा।
रायपुर सेंट्रल जेल की यह पहल साबित करती है कि सुधार की चाबी कभी-कभी कला और संवेदना से भी खुलती है। यह सिर्फ एक सिनेमा हॉल नहीं, बल्कि बदलाव की स्क्रीन है, जहां हर दृश्य, हर कहानी एक नई शुरुआत की ओर इशारा करती है।