Raipur B.Ed Assistant Teachers Protest
रायपुर। छत्तीसगढ़ में समायोजन और सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर B.Ed सहायक शिक्षकों का आंदोलन गुरुवार को 111वें दिन भी जारी रहा। इस मौके पर शिक्षकों ने 2621 फीट लंबी चुनरी यात्रा निकाली, जो ISBT बस स्टैंड भाठागांव से शीतला माता मंदिर तक पहुंची। आंदोलनकारी शिक्षकों ने इसे श्रद्धा और संघर्ष का प्रतीक बताया और सरकार से जल्द उनकी मांगों पर फैसला लेने की अपील की।
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“यह लड़ाई सिर्फ नौकरी की नहीं, आत्मसम्मान की है”
चुनरी यात्रा में शामिल महिला शिक्षकों ने कहा कि यह केवल रोजगार का मुद्दा नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और न्याय की लड़ाई है। शिक्षिका गायत्री देवी मिंज ने कहा, “मैंने घर और स्कूल दोनों जगह अपने विद्यार्थियों को संभाला, लेकिन अब हमें अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी मांगों को समझेगी।”
निकिता देशमुख ने कहा कि नवरात्रि में जहां देवियों की पूजा हो रही है, वहीं शिक्षिकाएं अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि “जब शिक्षिकाएं भी नारी शक्ति का प्रतीक हैं, तो उनकी मांगों को अनदेखा क्यों किया जा रहा है?”
Raipur B.Ed Assistant Teachers Protest
आज हो सकती है बड़ा फैसला लेने वाली बैठक
शिक्षकों के इस आंदोलन को लेकर सरकार ने 3 जनवरी 2025 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। इस समिति की दूसरी बैठक शुक्रवार, 4 अप्रैल को प्रस्तावित है, जिसमें समायोजन को लेकर ठोस निर्णय की उम्मीद जताई जा रही है।
आंदोलनकारी शिक्षकों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है। जनता का भी इस आंदोलन को समर्थन मिल रहा है, जिससे शिक्षकों के संघर्ष को और ताकत मिल रही है।
Raipur B.Ed Assistant Teachers Protest
निकाय चुनाव से पहले शुरू हुआ था आंदोलन
- 14 दिसंबर: अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू की।
- 19 दिसंबर: रायपुर पहुंचने के बाद धरना प्रदर्शन शुरू किया।
- 22 दिसंबर: धरना स्थल पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाया।
- 26 दिसंबर: सामूहिक मुंडन कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
- 28 दिसंबर: मुंडन के बाद यज्ञ और हवन किया।
- 30 दिसंबर: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लेकर जल सत्याग्रह किया।
- 1 जनवरी: बीजेपी कार्यालय का घेराव किया, पुलिस ने गिरफ्तार किया।
- 3 जनवरी: सरकार ने उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी बनाई।
- 6 जनवरी: राज्य निर्वाचन आयोग जाकर मतदान बहिष्कार का ज्ञापन सौंपा।
- 10 जनवरी: NCTE (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) की शवयात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
- 17 जनवरी: कांग्रेस नेताओं ने धरना स्थल पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
- 20 जनवरी: निकाय चुनाव की आचार संहिता लगने की वजह से आंदोलन अस्थायी रूप से रोका गया।
वहीं अब शिक्षकों की नजरें आज होने वाली उच्चस्तरीय समिति की बैठक पर टिकी हैं। यदि सरकार जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तो शिक्षकों का कहना है कि वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।
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