Rahul Gandhi Bhopal Visit
भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को भोपाल में ‘संगठन सृजन अभियान’ की औपचारिक शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य मिशन 2028 के लिए पार्टी संगठन को मजबूत करना है। राहुल गांधी सुबह 10:20 बजे भोपाल एयरपोर्ट पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने पीसीसी कार्यालय और रवींद्र भवन में आयोजित चार महत्वपूर्ण बैठकों में भाग लिया। दौरे के दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था तो कड़ी रही, लेकिन एक सुरक्षा चूक भी चर्चा का विषय बन गई।
राहुल गांधी का शेड्यूल
- 11:00 से 12:00 बजे: पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक
- 12:00 से 12:30 बजे: सांसदों व विधायकों से चर्चा
- 12:30 से 1:30 बजे: AICC पर्यवेक्षक और PCC प्रभारियों के साथ संवाद
- 1:30 से 2:30 बजे: आंतरिक समीक्षा
- 2:30 से 4:00 बजे: रवींद्र भवन में जिला व ब्लॉक अध्यक्षों को संबोधन
मिशन 2028 के लिए संगठनात्मक तैयारी
राहुल गांधी के इस दौरे को पार्टी के संगठनात्मक पुनर्गठन की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बताया कि कांग्रेस अब नेता आधारित नहीं, बल्कि संगठन आधारित ढांचे पर काम करेगी। 1500 से अधिक कार्यकर्ता पहले ही इस अभियान में सक्रिय हो चुके हैं।
रूट डायवर्जन और ट्रैफिक प्रबंधन
राहुल गांधी की यात्रा को देखते हुए पुलिस ने एयरपोर्ट से पीसीसी कार्यालय और रवींद्र भवन तक कई मार्गों को डायवर्ट किया। रोशनपुरा से पॉलिटेक्निक चौराहा मार्ग बंद रहा, वहीं गांधी नगर से बायपास की ओर रूट बदला गया। एमबीएम मैदान को कार्यकर्ताओं की पार्किंग के लिए निर्धारित किया गया।
सुरक्षा में बड़ी चूक
कमला पार्क के पास राहुल गांधी के काफिले को उस समय रोकना पड़ा, जब एक महिला तख्ती लेकर उनकी गाड़ी के सामने लेट गई। इस दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई और लगभग 10-15 कार्यकर्ता गिर पड़े। करीब 30 सेकंड तक काफिला रुका रहा। इस घटना से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। हालांकि पुलिसकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति को संभाल लिया।
नए जिलाध्यक्षों की घोषणा की तैयारी
पार्टी हर जिले में तीन सदस्यीय पर्यवेक्षक दल भेजेगी, जो कार्यकर्ताओं से संवाद कर जमीनी पसंद के आधार पर नए जिलाध्यक्षों का चयन करेंगे। यह कांग्रेस की आंतरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में अहम पहल मानी जा रही है।
राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेस के संगठनात्मक भविष्य की नींव रखने वाला माना जा रहा है। जहां एक ओर बैठकों और संवाद के जरिए पार्टी को नए ढांचे की ओर ले जाने की कोशिश दिखी, वहीं सुरक्षा में हुई चूक ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल भी खड़े किए। अब देखना होगा कि इस अभियान का मिशन 2028 पर कितना असर पड़ता है।