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President Droupadi Murmu : 27 साल बाद पुर्तगाल की धरती पर भारतीय राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा शुरू

President Droupadi Murmu

हाइलाइट्स

लिस्बन। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार रात पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंचीं, जहां से उन्होंने पुर्तगाल और स्लोवाकिया की चार दिवसीय राजकीय यात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक मानी जा रही है, क्योंकि लगभग 27 वर्षों बाद किसी भारतीय राष्ट्रपति ने पुर्तगाल की आधिकारिक यात्रा की है।

इस विशेष दौरे का आयोजन पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर किया जा रहा है। इससे पहले, 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति के. आर. नारायणन ने पुर्तगाल का दौरा किया था।

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इस ऐतिहासिक यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में जानकारी दी कि,
“राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुर्तगाल और स्लोवाक गणराज्य की राजकीय यात्रा के लिए प्रस्थान किया है। यह पिछले ढाई दशकों में इन दोनों देशों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली यात्रा है।”

भारत-पुर्तगाल: 50 साल की कूटनीतिक साझेदारी

इस यात्रा की अहमियत और बढ़ जाती है क्योंकि इस वर्ष भारत और पुर्तगाल अपने राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे कर रहे हैं। ऐसे समय पर राष्ट्रपति मुर्मू की उपस्थिति इन संबंधों को नई ऊर्जा देने का काम करेगी।

विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने इसे “महत्वपूर्ण ऐतिहासिक यात्रा” करार देते हुए कहा, “यह दौरा भारत के इन दो महत्वपूर्ण यूरोपीय साझेदारों के साथ बहुआयामी सहयोग को मजबूती देगा और नए क्षेत्रों में साझेदारी के रास्ते खोलेगा।”

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मजबूत होंगे द्विपक्षीय रिश्ते

इस राजकीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाकिया के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगी, और व्यापार, शिक्षा, विज्ञान, हरित ऊर्जा, डिजिटल तकनीक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगी।

स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में वे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के साथ-साथ भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा भारत की यूरोपीय नीति को नए क्षितिज तक ले जाएगी और पश्चिमी देशों के साथ रणनीतिक रिश्तों को और मज़बूत बनाएगी।

 

 

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