PM Modi Parliament Speech
नई दिल्ली। नई दिल्ली में आज बजट सत्र के दूसरे चरण के पांचवें दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में महाकुंभ के आयोजन पर अपना संबोधन दिया। उन्होंने इसे भारत की आध्यात्मिक और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बताते हुए कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि देश की एकता, समरसता और सांस्कृतिक शक्ति का अद्भुत उदाहरण है।
“महाकुंभ में अनेक अमृत निकले, एकता का अमृत सबसे पावन”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं और एकता का अमृत इसका सबसे पवित्र प्रसाद है। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत की विविधता में भी कितनी अद्भुत एकता है। देश के कोने-कोने से लोग महाकुंभ में आए और वहां की आध्यात्मिक ऊर्जा ने राष्ट्रीय चेतना को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।”
PM Modi Parliament Speech
उन्होंने आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि महाकुंभ पर सवाल उठाने वालों को अब स्पष्ट जवाब मिल गया है। यह आयोजन देश की सामूहिक चेतना का प्रतीक बना, जिसमें हर वर्ग और हर आयु के लोग विशेष रूप से युवाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
मॉरीशस में त्रिवेणी जल का महत्व
प्रधानमंत्री ने अपनी हाल की मॉरीशस यात्रा का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि वहां के गंगा तालाब में भारत से लाया गया त्रिवेणी का पवित्र जल डाला गया, जिससे भारतीय संस्कृति और परंपरा की वैश्विक प्रतिष्ठा को बल मिला। उन्होंने कहा, “यह आयोजन हमारी आध्यात्मिक विरासत की अंतरराष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है।”
“अनेकता में एकता – यही भारत की असली ताकत”
PM Modi Parliament Speech
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भारत की अनेकता में एकता की शक्ति को बार-बार रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह हमारी सबसे बड़ी ताकत है और इस विशेषता को हमें निरंतर समृद्ध करते रहना चाहिए।
“आज भारत का हर नागरिक, विशेषकर युवा पीढ़ी, महाकुंभ जैसे आयोजनों से जुड़कर देश की आत्मा और संस्कृति को महसूस कर रहा है। यह अनुभव हमें आने वाली पीढ़ियों को भी देना होगा।” — पीएम मोदी
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