PM Modi France Visit
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आज फ्रांस के कैडारैचे में स्थित इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (आईटीईआर) संयंत्र का दौरा किया। यह किसी भी राष्ट्राध्यक्ष या सरकार के प्रमुख द्वारा आईटीईआर का पहला दौरा है, जो संलयन ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक मानी जाती है।
बता दें कि आईटीईआर परियोजना में भारत पिछले दो दशकों से एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है। इस परियोजना में लगभग 200 भारतीय वैज्ञानिक और इंजीनियर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, भारतीय कंपनियां एलएंडटी, आईनॉक्स इंडिया, टीसीएस, टीसीई और एचसीएल टेक्नोलॉजीज भी इस ऐतिहासिक परियोजना का हिस्सा हैं।
आईटीईआर ऊर्जा का भविष्य
आईटीईआर का मुख्य आकर्षण दुनिया का सबसे बड़ा टोकामाक रिएक्टर है, जहां वैज्ञानिक 500 मेगावाट संलयन ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए प्लाज्मा को निर्माण, नियंत्रण और प्रज्वलित करने की प्रक्रिया विकसित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने इस वैज्ञानिक उपलब्धि की सराहना करते हुए आईटीईआर में कार्यरत वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के समर्पण की प्रशंसा की।
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समुद्री व्यापार में भारत-फ्रांस सहयोग
आईटीईआर दौरे के बाद, दोनों नेताओं ने फ्रांस की प्रमुख शिपिंग और लॉजिस्टिक्स कंपनी CMA-CGM के नियंत्रण कक्ष का भी दौरा किया। इस दौरान, उन्हें भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) के संदर्भ में भविष्य के सहयोग पर जानकारी दी गई। पीएम मोदी ने समुद्री व्यापार और लॉजिस्टिक्स में भारत-फ्रांस साझेदारी को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया।
आईएमईसी भारत और यूरोप को जोड़ने वाला गलियारा
सितंबर 2023 में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, फ्रांस, यूरोपीय संघ, जर्मनी, इटली, सऊदी अरब, यूएई और अमेरिका ने मिलकर IMEC विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे। इस गलियारे में दो प्रमुख मार्ग शामिल हैं:
पूर्वी गलियारा – भारत को खाड़ी देशों से जोड़ेगा।
उत्तरी गलियारा – खाड़ी देशों को यूरोप से जोड़ेगा।
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पीएम मोदी का बयान
पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,“मार्सिले में समुद्री संबंधों को मजबूत करना! राष्ट्रपति मैक्रों और मैंने शिपिंग और लॉजिस्टिक्स में वैश्विक अग्रणी CMA-CGM के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया। जैसे-जैसे भारत अपने समुद्री और व्यापार नेटवर्क का विस्तार कर रहा है, उद्योग जगत के नेताओं के साथ सहयोग कनेक्टिविटी, आपूर्ति श्रृंखला और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
यह दौरा वैज्ञानिक नवाचार, हरित ऊर्जा और वैश्विक व्यापार के क्षेत्रों में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग को और गहरा करेगा। बता दें कि आईटीईआर में भारत की भागीदारी वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा में देश की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, वहीं IMEC गलियारा भारत और यूरोप के बीच व्यापारिक संपर्क को नए आयाम देगा।
यह दौरा न केवल भारत-फ्रांस संबंधों को मजबूत करने का अवसर था, बल्कि यह वैश्विक ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स और व्यापार क्षेत्रों में भारत की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है। संलयन ऊर्जा और समुद्री व्यापार के क्षेत्र में यह सहयोग भविष्य में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा।