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PM Narendra Modi said on Sandeshkhali: संदेशखाली की घटना पर ममता सरकार पर बरसे पीएम मोदी! अपराधी को बचाने के लगाए आरोप

PM Modi fiercely targeted the Trinamool Congress government of West Bengal in the matter of Sandeshkhali

कलकत्ता. पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुए कथित महिला उत्पीड़न के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला बयान सामने आया है, पीएम मोदी आज बुधवार को बंगाल दौरे पर जहां उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए संदेशखाली के मामले में पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा.

बंगाल के बारासात में आयोजित रैली में पीएम ने कहा संदेशखाली में जो हुआ, उससे देश शर्मसार हुआ है. लेकिन इसके बाद भी टीएमसी सरकार बंगाल की महिलाओं के गुनहगार को बचाने की कोशिश कर रही है, पीएम ने परिवारवाद पर भी जमकर निशाना साधा.

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प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, विपक्ष वाले जानना चाहते हैं कि कहां है मेरा परिवार. इन घोर परिवारवादियों को जरा यहां आकर नजर डालना चाहिए. यही तो है मोदी का परिवार. मोदी का हर पल इसी परिवार और देश की मातृशक्ति के लिए समर्पित है. जब मोदी को कोई भी कष्ट होता है तो यही माताएं-बहनें रक्षा कवच बनकर खड़ी हो जाती हैं. आज हर देशवासी खुद को मोदी का परिवार कह रहा है. आज देश का हर गरीब, हर किसान, हर नौजवान, हर बहन-बेटी कह रहे हैं मैं हूं मोदी का परिवार.

पीएम मोदी ने कहा कि कोलकाता तो वह शहर है, जिसकी मेट्रो को देखकर कितनी ही पीढ़ियां बड़ी हुई हैं, जब यहां मेट्रो की शुरुआत हुई, शुरुआती 40 साल में कोलकाता मेट्रो का सिर्फ 28 किलोमीटर का कॉरिडोर बना था. जबकि, बीजेपी सरकार के बीते 10 सालों में कोलकाता मेट्रो का 31 किलोमीटर विस्तार हो चुका है.

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पीएम मोदी ने कहा, कुछ लोगों को लगता होगा कि किसी राजनेता ने मुझे गाली दी और मैं सबको मेरा परिवार कह रहा हूं, लेकिम मैं सच्चाई बताता हूं. मैं बहुत छोटी उम्र में घर छोड़कर एक झोला लेकर चल पड़ा था. देश के कौने-कौने में भटक रहा था कुछ खोज रहा था. मेरे जेब में कभी एक पैसा नहीं रहता था. लेकिन देशवासियों को जानकर गर्व होगा कि कोई ना कोई परिवार मुझे पूछ लेता था कि भाई-बेटे कुछ खाना खाया है कि नहीं खाया है. साल भर में कंधे पर झोला लेकर घूमता रहा. जेब में एक पैसा नहीं रहा, लेकिन मैं एक दिन भी भूखा नहीं रहा और इसलिए मैं कहता हूं, यही मेरा परिवार है. 140 करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार हैं. जब मेरी कोई पहचान नहीं थी.

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