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PCC Chief Deepak Baij : दीपक बैज की राजनीतिक पोस्ट से हड़कंप…! MLA देवेंद्र यादव को कार्यकारी अध्यक्ष बताने पर बवाल…हटाई गई X Post यहां देखें

PCC Chief Deepak Baij: Deepak Baij's political post causes a stir...! Ruckus over calling MLA Devendra Yadav the acting president... see the removed X post here

PCC Chief Deepak Baij

रायपुर, 15 जुलाई। PCC Chief Deepak Baij के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। दीपक बैज ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को “प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष” कह डाला, जिससे कांग्रेसी खेमे में अटकलों का दौर शुरू हो गया।

क्या है पूरा मामला?

दीपक बैज के जन्मदिन पर देवेंद्र यादव ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए एक पोस्ट किया था। उसी पोस्ट को दीपक बैज ने कोट रीपोस्ट करते हुए लिखा- “प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भाई देवेंद्र यादव को स्नेह और शुभकामनाओं के लिए आभार।”

इस एक वाक्य ने राजनीतिक हलकों में बड़ी बहस छेड़ दी। पोस्ट के सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और यह चर्चा का विषय बन गया कि क्या कांग्रेस में कोई आंतरिक संगठनात्मक बदलाव हुआ है।

पोस्ट डिलीट कर बैज ने संभाली स्थिति

जैसे ही पोस्ट को लेकर सवाल उठने लगे, कुछ ही घंटों में दीपक बैज ने वह पोस्ट डिलीट कर दी। हालांकि न तो कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया और न ही बैज या यादव ने इस पर कोई सफाई दी है।

देवेंद्र यादव का वर्तमान पद

फिलहाल देवेंद्र यादव भिलाई नगर से विधायक हैं और AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) में सचिव पद पर कार्यरत हैं। पार्टी ने उन्हें कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में शामिल किया है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की कोई आधिकारिक घोषणा अब तक नहीं हुई है।

सियासी पारा चढ़ा

दीपक बैज के इस पोस्ट के बाद कांग्रेस के भीतर खेमेबाज़ी और संभावित संगठनात्मक फेरबदल की अटकलें तेज़ हो गई हैं। विपक्षी दलों ने भी इस मामले पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस की अंदरूनी स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं।

क्या कहती है पार्टी?

अब सबकी नजरें प्रदेश कांग्रेस कार्यालय और AICC के रुख (PCC Chief Deepak Baij) पर टिकी हैं कि क्या यह केवल एक “टाइपो” था या कोई जल्दबाज़ी में हुआ खुलासा? या फिर यह एक राजनीतिक संकेत था, जो गलती से समय से पहले सार्वजनिक हो गया? यह मामला आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की रणनीति और संगठनात्मक दिशा को लेकर और भी कई सवाल खड़े कर सकता है।

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