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Wednesday, June 18, 2025

CG Murder News : छत्तीसगढ़ में रिश्तों की हत्या, ससुर ने बहू को मारकर घर से 50 मीटर दूर दफनाया, वजह जानकर कांप उठेंगे!!!!

CG Murder News अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के लुण्ड्रा थाना क्षेत्र के ग्राम किरकिमा से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर सामने आई...

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Patanjali Misbranding Case : लोगो को बाबा रामदेव ने परोसा मछली के अर्क वाला मंजन, HC ने गलत ब्रांडिंग को लेकर केंद्र से मांगा जवाब

Patanjali Misbranding Case

नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव का पतंजलि आयुर्वेद एक बार विवादों में आ गया है। दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि के दिव्य दंत मंजन को शाकाहारी ब्रांड के रूप में पेश करने के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र से जवाब मांगा है।

याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया है कि दंत चिकित्सा प्रोडक्ट को हरे रंग के डॉट के साथ बेचा जा रहा है, जो कि दर्शाता है यह एक शाकाहारी वस्तु है लेकिन पतंजलि के दंत मंजन मछली का अर्क है, जो एक मांसाहारी प्रोडक्ट है।

बता दे कि दिल्ली हाईकोर्ट ने पतंजलि के प्रोडक्ट की ‘गलत ब्रांडिंग’ के मामले में शुक्रवार 30 अगस्त को केंद्र सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई नवंबर में होगी।

Patanjali Misbranding Case

जस्टिस संजीव नरूला ने वकील यतिन शर्मा की याचिका पर केंद्र, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ-साथ पतंजलि, दिव्य फार्मेसी, योग गुरु रामदेव और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया।

याचिकाकर्ता ने दावा करते हुए बताया कि यह उनके परिवार के लिए दुखद है, जो धार्मिक विश्वास और आस्था के कारण केवल शाकाहारी सामग्री-उत्पादों का उपभोग करते हैं।

बता दें कि योग गुरु बाबा रामदेव बीते कुछ समय से विभिन्न प्रकार की उलझनों में घिरे हैं। जहां पतंजलि के विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट इस साल की शुरूआत में पहले ही रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कड़ी फटकार लगा चुकी थी, जिसके बाद रामदेव और बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होकर माफी तक मांगनी पड़ी थी।

Patanjali Misbranding Case

याचिका में यह भी कहा गया है कि बाबा रामदेव ने एक यूट्यूब वीडियो में स्वीकार किया कि दिव्य दंत मंजन में प्रयुक्त “समुद्रफेन” एनिमल बेस्ड है। इसके बावजूद पतंजलि इस दंत मंजन को शाकाहारी बताकर बेच रही है। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है,

जब सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं के मिस लीडिंग विज्ञापनों के खिलाफ एक केंद्रीय अधिसूचना पर रोक लगा दी है। वही शीर्ष अदालत ने उन्हें निर्देश दिया था कि वे सभी भ्रामक विज्ञापन हटाएँ उनके आयुर्वेदिक उत्पादों और जनता से माफ़ी मांगो। खैर अब देखना होगा की इस मामले में आगे क्या कुछ कार्रवाई की जाएगी।

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