Partial Solar Eclipse 2025
हाईलाइटस
- तारीख: 29 मार्च 2025
- प्रकार: आंशिक सूर्य ग्रहण
- भारत में दृश्यता: नहीं दिखाई देगा
- सूतक काल: मान्य नहीं होगा
- दृश्यता क्षेत्र: उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर
नई दिल्ली। साल 2025 में पहली बार सूर्य ग्रहण का अद्भुत खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा। यह ग्रहण 29 मार्च 2025, शनिवार को लगेगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) होगा। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य के कुछ हिस्से को ढक लेता है, तो इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
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भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण
इस सूर्य ग्रहण को लेकर भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी क्योंकि यह ग्रहण भारत में कहीं भी दिखाई नहीं देगा। ऐसे में सूतक काल मान्य नहीं होगा और यहां धार्मिक कार्यों पर कोई रोक नहीं रहेगी। सामान्य दिनचर्या के अनुसार पूजा-पाठ, खान-पान और अन्य शुभ कार्य किए जा सकेंगे।
Partial Solar Eclipse 2025
कहां दिखाई देगा ग्रहण?
29 मार्च को लगने वाला सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से निम्न क्षेत्रों में देखा जा सकेगा:
- उत्तर अमेरिका
- दक्षिण अमेरिका के कुछ दक्षिणी हिस्से
- प्रशांत महासागर क्षेत्र
- कुछ हद तक अटलांटिक महासागर और आस-पास के इलाकों में भी इसका दृश्य देखा जा सकेगा।
इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आंशिक सूर्य ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा, वहीं इन स्थानों पर सूतक काल और ग्रहण का धार्मिक प्रभाव मान्य होगा।
धार्मिक मान्यताएं और ग्रहण का महत्व
हिन्दू धर्म में ग्रहण को अत्यंत महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है। मान्यता है कि ग्रहण के समय वातावरण में विशेष प्रकार की ऊर्जा सक्रिय होती है, जिसके कारण शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। ग्रहण के समय जप, ध्यान और साधना करना बेहद फलदायी माना जाता है। परंतु भारत में यह ग्रहण दृश्य नहीं होगा, इसलिए यहां कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा।
Partial Solar Eclipse 2025
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण
वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है, लेकिन इसे देखने के लिए विशेष सुरक्षा उपायों का पालन करना आवश्यक होता है। ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य की ओर देखना आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि ग्रहण को केवल सौर फिल्टर या विशेष चश्मों की सहायता से ही देखा जाए।