Pakistani Spy News
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने एक बार फिर देश की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। “ट्रैवल विद जो” नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाली ज्योति पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ भेजीं। यह मामला सामने आने के बाद लोगों के जेहन में एक पुराने लेकिन बेहद खतरनाक नाम की याद फिर से ताजा हो गई — माधुरी गुप्ता।
कौन थीं माधुरी गुप्ता?
माधुरी गुप्ता सोशल मीडिया स्टार नहीं थीं, बल्कि एक अनुभवी भारतीय राजनयिक थीं। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से पढ़ाई की थी और फिर UPSC पास कर भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुई थीं। उन्होंने इराक, मलेशिया, क्रोएशिया और लाइबेरिया जैसे देशों में सेवाएं दीं। उर्दू भाषा पर जबरदस्त पकड़ होने के कारण उन्हें 2007 में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रेस और सूचना विभाग की द्वितीय सचिव के पद पर तैनात किया गया।
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कैसे बनी ISI की मुखबिर?
माधुरी का काम पाकिस्तानी मीडिया पर नजर रखकर भारत के लिए रिपोर्ट तैयार करना था। लेकिन इसी दौरान वह ISI के जाल में फंस गईं। बताया गया कि उन्होंने ISI से जुड़े एजेंट के साथ निजी रिश्ते बनाए और भावनात्मक रूप से फंसकर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया। 2010 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। जांच में पाया गया कि माधुरी ने भारत की सुरक्षा और रणनीतिक तैयारियों से जुड़ी जानकारियाँ पाकिस्तान को दी थीं।
क्या हुआ सजा?
माधुरी को 3 साल की जेल की सजा हुई। यह मामला इसलिए और गंभीर था क्योंकि वह एक प्रशिक्षित और वरिष्ठ अधिकारी थीं, जिनसे ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती थी।
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सबक क्या है?
ज्योति हो या माधुरी — दोनों मामलों से साफ है कि ISI केवल उच्च पदों पर ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया, भावनात्मक जाल और व्यक्तिगत कमजोरियों का भी इस्तेमाल कर भारतीय सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश करता है। यह घटनाएं देश को सचेत करती हैं कि सिर्फ सीमाओं पर नहीं, बल्कि डिजिटल और मानसिक मोर्चे पर भी सुरक्षा की जरूरत है।
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