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Pakistan Terrorist Killed : अबू कताल का अंत, भारत के सबसे बड़े दुश्मन की कहानी खत्म! POK में दहशत, भारत में जश्न!

Pakistan Terrorist Killed

भारत के खिलाफ साजिशें रचने वाला और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल अब इतिहास बन गया है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के झेलम में शनिवार रात को हुए सनसनीखेज हमले में अबू कताल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह खबर भारत के लिए बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि अबू कताल उन आतंकियों में से था, जिसने भारत में खून-खराबा फैलाने के कई प्रयास किए थे।

गौरतलब है कि अबू कताल का नाम 2008 के बाद भारत की हिट लिस्ट में ऊपर आ गया था। उसने लगातार कोशिश की थी कि भारत के बड़े शहरों में हमला किया जाए, लेकिन भारतीय एजेंसियों की सतर्कता के चलते वह ऐसा कर नहीं पाया। NIA और RAW की रिपोर्ट्स में उसका नाम बार-बार आता रहा।

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Pakistan Terrorist Killed

कैसे हुआ अबू कताल का खात्मा?

शनिवार रात करीब 8 बजे झेलम में एक भीड़भाड़ वाले इलाके में अबू कताल पर अज्ञात हमलावरों ने अचानक हमला कर दिया। करीब 10 राउंड से ज्यादा फायरिंग हुई, जिसमें कताल की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर बाइक पर आए थे और कुछ ही मिनटों में फरार हो गए।

कौन था अबू कताल?

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अबू कताल के मारे जाने की पुष्टि होते ही लश्कर-ए-तैयबा के भीतर हड़कंप मच गया। अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। न ही पाकिस्तान सरकार और न ही उनकी सेना ने इस पर कोई बयान दिया है। मगर इस चुप्पी के पीछे बहुत कुछ छिपा है। क्योंकि अबू कताल कोई आम आतंकी नहीं था। वह हाफिज सईद का बेहद करीबी और भरोसेमंद साथी था। 26/11 मुंबई हमले के बाद जिस तरह से भारत में आतंक को लेकर भय का माहौल बना, उसमें अबू कताल का भी हाथ था।

अबू कताल ने न सिर्फ कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ करवाई, बल्कि भारत के कई बड़े शहरों में हमलों की योजना बनाई थी। उसका नेटवर्क पाकिस्तान के आतंकी शिविरों से लेकर कश्मीर की घाटियों तक फैला था। भारतीय खुफिया एजेंसियां वर्षों से उसके पीछे लगी थीं। उसकी हर एक गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी। कई बार उसकी लोकेशन ट्रेस हुई, लेकिन हर बार वो बच निकलता था।

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अब सवाल ये उठता है कि उसे मारा किसने? क्या यह भारत की खुफिया एजेंसियों की कोई गोपनीय कार्रवाई थी? या फिर पाकिस्तान के भीतर ही कोई गैंगवार का हिस्सा? कुछ लोग इसे लश्कर-ए-तैयबा और ISI के बीच पुराने मतभेद का नतीजा मान रहे हैं। लेकिन कोई इस पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं। पाकिस्तान की चुप्पी इस पूरे घटनाक्रम को और रहस्यमयी बना रही है।

अबू कताल की मौत का सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा। वह आतंक का बड़ा चेहरा था, जो लगातार नए लड़ाकों की भर्ती कर रहा था और भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा था। अब उसका अंत लश्कर के लिए बड़ा झटका है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, भले ही इसकी आधिकारिक पुष्टि न हो।

साफ है, भारत अब इंतजार करने वालों में से नहीं रहा। अब जवाब दिया जा रहा है, वो भी दुश्मन के घर में घुसकर। अबू कताल का खात्मा इस बात का गवाह है कि आतंक की उम्र लंबी नहीं होती और जो भारत की तरफ आंख उठाता है, उसकी आंख हमेशा के लिए बंद कर दी जाती है।

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