रायपुर, 16 अक्टूबर। Paddy Purchase : समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया को इस वर्ष और अधिक पारदर्शी और तकनीक-संवेदित बनाया जा रहा है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान उपार्जन कार्य 15 नवंबर से प्रारंभ होगा। खरीदी व्यवस्था बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पर आधारित होगी, जिससे असल किसानों को ही लाभ मिले और फर्जीवाड़े पर रोक लग सके।
किसानों की सुविधा के लिए इस बार मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन टोकन जारी किए जाएंगे। साथ ही पारंपरिक ऑफलाइन टोकन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।
प्रशिक्षण और निगरानी व्यवस्था
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा सरगुजा और दुर्ग संभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण 17 अक्टूबर तक विभिन्न संभागों में आयोजित किया जा रहा है। अधिकारियों को धान उपार्जन प्रक्रिया, पारदर्शिता बनाए रखने और किसानों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी दिशा-निर्देश दिए गए।
इस वर्ष इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की स्थापना की जा रही है, जहाँ से उपार्जन प्रक्रिया की 24×7 निगरानी की जाएगी। मोबाइल ऐप से रियल टाइम अलर्ट जारी किए जाएंगे, जिनके आधार पर उड़नदस्ते त्वरित कार्रवाई करेंगे।
संवेदनशील उपार्जन केंद्रों पर विशेष निगरानी
पूर्व में दर्ज अनियमितताओं के आधार पर उपार्जन केंद्रों को संवेदनशील और सामान्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। संवेदनशील केंद्रों पर विशेष निगरानी हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे और नियमित निरीक्षण किया जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में चेक पोस्ट की स्थापना कर अवैध धान की आवक पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
31 अक्टूबर तक सभी जिलों और अनुविभागों में प्रशिक्षण कार्य पूर्ण किया जाएगा।
3 से 6 नवंबर तक उपार्जन केंद्रों में ट्रायल रन किया जाएगा।
9 नवंबर से टोकन जारी करने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
15 नवंबर से धान की औपचारिक खरीदी शुरू होगी।
टोकन वितरण व्यवस्था
सीमांत और लघु कृषकों को 2 टोकन। दीर्घ कृषकों को अधिकतम 3 टोकन प्रदान किए जाएंगे।
डिजिटल और डेटा प्रबंधन
सभी उपार्जन केंद्रों को पीसीएसएपी पोर्टल में आवश्यक प्रविष्टियाँ करनी होंगी। एल-4 ग्रेडिंग प्राप्त समितियों को ही इन्सेंटिव का लाभ मिलेगा। डाटा एंट्री ऑपरेटरों का 6 माह का नियोजन समिति स्तर पर किया जाएगा। अनियमितता पाए जाने वाले केंद्रों में नए ऑपरेटरों की नियुक्ति की जाएगी।
इन्सेंटिव का प्रावधान
इस वर्ष शॉर्टेज की मात्रा को शून्य रखने और शासन के निर्देशों के अनुसार कार्य करने वाली समितियों को इन्सेंटिव भी दिया जाएगा। बायोमेट्रिक पद्धति, ऑनलाइन टोकन, उड़नदस्ता निगरानी और केंद्रीकृत नियंत्रण प्रणाली जैसी व्यवस्थाएं इस वर्ष की धान खरीदी को अधिक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और किसान हितैषी बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं।