नई दिल्ली, 19 जुलाई। Online Betting Scam : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के जरिए कथित मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला नेटवर्क की जांच के तहत टेक दिग्गज गूगल और मेटा को समन भेजा है। दोनों कंपनियों को 21 जुलाई को अपने प्रतिनिधियों के साथ पेश होने का निर्देश दिया गया है।
ईडी क्यों कर रही है पूछताछ?
ईडी की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कई गैरकानूनी ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स ने गूगल (प्ले स्टोर, यूट्यूब) और मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप) के प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन दिए और प्रचार-प्रसार किया।
इन विज्ञापनों की मदद से:
- इन ऐप्स की पहुँच करोड़ों यूज़र्स तक पहुंची।
- अवैध लेन-देन और सट्टेबाजी को बढ़ावा मिला।
- और काले धन की सफाई (money laundering) की आशंका प्रबल हुई।
क्या है पूरा नेटवर्क?
ईडी के अनुसार, यह एक संगठित ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट है जो देशभर में फैला हुआ है।
- ये ऐप्स प्ले स्टोर और यूट्यूब एड्स के ज़रिए लोगों तक पहुंचे।
- मेटा के प्लेटफॉर्म्स इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप पर इनके प्रचार और रजिस्ट्रेशन लिंक शेयर किए गए।
- इन प्लेटफॉर्म्स पर भारी भुगतान देकर विज्ञापन स्लॉट खरीदे गए।
पूछताछ का फोकस
ईडी जानना चाहती है कि:
- किन ऐप्स को विज्ञापन की इजाजत दी गई?
- क्या कंपनियों को ऐप्स की प्राकृतिकता और वैधता की जानकारी थी?
- पेमेंट गेटवे और प्रचार बजट किसने फाइनेंस किए?
गूगल और मेटा को यह स्पष्ट करना होगा कि उनके कंटेंट और विज्ञापन अनुमोदन प्रक्रिया में क्या नियम अपनाए गए और क्या किसी तरह की लापरवाही हुई।
अगला कदम
अगर गूगल और मेटा की भूमिका में संलिप्तता या लापरवाही पाई जाती है, तो:
- कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
- संभावित रूप से आईटी एक्ट और पीएमएलए (PMLA) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
- मामले में शामिल ऐप्स और अन्य सहयोगियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी।
यह मामला भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ते सट्टेबाजी के खतरे और टेक कंपनियों की जवाबदेही को एक बार फिर उजागर करता है। ईडी की कार्रवाई टेक इंडस्ट्री के लिए एक चेतावनी है कि प्लेटफॉर्म पर मौजूद कंटेंट और प्रचार गतिविधियों की निगरानी अब और भी आवश्यक हो गई है। 21 जुलाई को गूगल और मेटा के जवाब इस जांच की दिशा तय करेंगे।