ONLINE BETTING APP SCAM
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सीबीआई ने ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाले में एफआईआर दर्ज कर ली है। सीबीआई की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि इस घोटाले के कथित लाभार्थियों में भूपेश बघेल भी शामिल हैं। सीबीआई ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की है।
सीबीआई की एफआईआर में क्या है?
सीबीआई ने छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को आधार बनाते हुए इसे दोबारा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और छत्तीसगढ़ जुआ निषेध अधिनियम के तहत दर्ज किया है। एफआईआर में कुल 19 आरोपियों के नाम हैं, जिनमें भूपेश बघेल आरोपी नंबर 6 के रूप में शामिल हैं।
बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में 26 मार्च को भूपेश बघेल के रायपुर और दुर्ग स्थित आवासों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई थी। गौरतलब है कि सीबीआई ने इस केस में 18 दिसंबर 2023 को एफआईआर दर्ज की थी और अब इसे सार्वजनिक किया गया है।
ONLINE BETTING APP SCAM
ईडी की रिपोर्ट में क्या कहा गया था?
ईडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन सट्टा ऐप के प्रमोटरों ने भूपेश बघेल को इस घोटाले के लाभार्थी के रूप में नामित किया था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक आरोपी चंद्रभूषण वर्मा ने यह भी खुलासा किया था कि बघेल के ओएसडी और एक राजनीतिक सलाहकार को ऑनलाइन सट्टा ऐप के जरिए नियमित रूप से पैसा पहुंचाया जाता था।
भूपेश बघेल का पलटवार
सीबीआई द्वारा केस दर्ज किए जाने पर भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया देते हुए सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित कार्रवाई है। उन्होंने कहा, “यह केंद्र सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं को परेशान करने की एक और साजिश है। मैं इन झूठे आरोपों से डरने वाला नहीं हूं और सच्चाई जल्द ही सामने आएगी।”
ONLINE BETTING APP SCAM
कैसे हुआ केस दर्ज?
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। राज्य पुलिस की एफआईआर को आधार बनाते हुए सीबीआई ने इसे दोबारा अपने केस के रूप में पंजीकृत किया और अब जांच को आगे बढ़ा रही है। मामले की पूरी जांच के बाद सीबीआई अपनी अंतिम रिपोर्ट विशेष अदालत में पेश करेगी।
वहीं इस मामले में अब आगे की जांच सीबीआई करेगी। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। वहीं, अगर आरोप बेबुनियाद निकलते हैं, तो यह मामला एक राजनीतिक हथियार के रूप में देखा जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। अब देखना होगा कि सीबीआई की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और इसमें कौन-कौन से नए खुलासे होते हैं।