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Saturday, October 18, 2025

Bihar Assembly Elections : NDA को लगा झटका…! चिराग पासवान की पार्टी की उम्मीदवार का नामांकन रद्द

छपरा/बिहार, 18 अक्टूबर। Bihar Assembly Elections : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। छपरा जिले की मढ़ौरा...

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One Nation One Election Bill: लोकसभा में ‘एक देश एक चुनाव’ विधेयक स्वीकार, पक्ष में 269 वोट विपक्ष में 198 वोट पड़े, वोटिंग के बाद JPC को भेजा गया बिल

One Nation One Election Bill

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को निचले सदन में पुर:स्थापित करने के लिए रखा। विधेयक आते ही विपक्षी दलों ने विरोध किया। सदन में मत विभाजन के बाद विधेयक को पुर:स्थापित कर दिया गया। विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 269 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े।

  • ‘एक देश एक चुनाव’ बिल संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया
  • मंगलवार को कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में बिल को पेश किया
  • कुछ गैर-एनडीए दलों समेत कुल 32 दलों ने बिल का किया समर्थन, विरोध में 15

नई दिल्ली। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया। विपक्ष ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया। इसके मद्देनजर सरकार ने बिल को जॉइंट पार्लियामेंटरी कमिटी यानी संयुक्त संसदीय समिति को भेजने का फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने 12 दिसंबर को इस बिल को मंजूरी थी। घमासान की वजह से वक्फ संशोधन बिल की तरह ‘एक देश एक चुनाव’ बिल भी जेपीसी के पास भेजा गया।

भाजपा और उसके सहयोगी दल इस विधेयक के समर्थन में हैं। बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस जैसे कुछ गैर-एनडीए दलों का भी इस बिल को समर्थन है। दूसरी तरफ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके जैसे कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। कुल 32 राजनीतिक दल इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, जबकि 15 दल इसका विरोध कर रहे हैं।

जानें ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल के बारे में
यह बिल पूरे देश में एक चुनाव कराने की राह खोलता है.केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विधेयक को मंजूरी दी थी.बीजेपी और उसके सहयोगी दल विधेयक के समर्थन में हैं.केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर में एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था.इस समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे थे.

समझें बिल पास कराने का पूरा गणित
‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए सरकार दो बिल ला रही है. इनमें एक संविधान संशोधन का बिल है. जिसके लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी है. लोकसभा की 543 सीटों में एनडीए के पास अभी 292 सीटें हैं. दो तिहाई बहुमत के लिए 362 का आंकड़ा जरूरी है. वहीं राज्यसभा की 245 सीटों में एनडीए के पास अभी 112 सीटें हैं, वहीं 6 मनोनीत सांसदों का भी उसे समर्थन है. जबकि विपक्ष के पास 85 सीटें हैं. दो तिहाई बहुमत के लिए 164 सीटें जरूरी हैं.

बिल को लेकर लोकसभा में मत विभाजन
बिल को पेश करने को लेकर विपक्ष ने मत विभाजन की मांग की, जिसके बाद वोटिंग हुई। बिल को सदन पटल पर रखे जाने के पक्ष में 269 वोट पड़े जबकि विरोध में 198 वोट पड़े। अब सदन में बिल को जेपीसी में भेजने की औपचारिकता पूरी की जाएगी।

एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश किसने की
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर में इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। समिति ने दो चरणों में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की गई थी। स्थानीय निकाय चुनाव (पंचायत और नगर पालिका) आम चुनाव के 100 दिनों के भीतर कराने की बात कही गई थी। समिति ने सभी चुनावों के लिए एक समान मतदाता सूची बनाने की भी सिफारिश की थी।

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