Ola-Uber-Rapido Ban
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में ऐप आधारित बाइक टैक्सी सेवाओं पर 16 जून 2025 से पूरे राज्य में पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। बता दें कि यह निर्णय ओला, उबर और रैपिडो जैसी कंपनियों के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है, जो बेंगलुरु जैसे शहरों में तेजी से बढ़ती बाइक टैक्सी सेवाओं का संचालन कर रही थीं।
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब तक राज्य सरकार मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत बाइक टैक्सी संचालन के लिए ठोस और स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं बनाती, तब तक इन सेवाओं को वैध नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने सरकार को तीन महीने के भीतर नई नीति तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं।
Ola-Uber-Rapido Ban
बता दें कि यह मामला इन कंपनियों की उस याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने बाइक टैक्सी सेवाओं को वैध घोषित करने और पीली नंबर प्लेट वाले दोपहिया वाहनों को परिवहन श्रेणी में पंजीकृत करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज कर दिया।
फैसले का व्यापक असर देखा जा रहा है:
- यात्री प्रभावित: खासकर बेंगलुरु जैसे ट्रैफिक-प्रभावित शहरों में यात्रियों को अब तेज और किफायती सफर का विकल्प नहीं मिलेगा।
- ड्राइवर प्रभावित: हज़ारों बाइक टैक्सी ड्राइवरों की रोज़ी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है, जिन्हें अब नया रोजगार तलाशना होगा।
गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने 2021 में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी योजना शुरू की थी, लेकिन मार्च 2024 में इसे सुरक्षा व नियमन के अभाव में वापस ले लिया गया था। वहीं अब राज्य सरकार के पास तीन महीने का वक्त है। अगर वह इस दौरान ठोस नियमन नहीं बनाती, तो यह सेवाएं लंबे समय तक बंद रह सकती हैं।