The number of leopards decreased in Chhattisgarh! NTCA released report
रायपुर. नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (NTCA) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ में बीते 5 सालों में 130 तेंदुए कम हो गए है, खाने पीने और सुरक्षा में करोड़ों खर्च किया गया बावजूद इसके तेंदुए की संख्या घटी है, NTCA की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 से 852 तेंदुओं की संख्या थी, 2023 तक 130 कम हो गए, अब ताजा रिपोर्ट में सिर्फ 722 ही रह गए है. वही रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में अब 13 हजार 874 तेंदुए हो गए है.
2022 की गणना में अन्य राज्यों में तेंदुए का संख्या
मध्य प्रदेश 3907
तमिलनाडु 1070
छत्तीसगढ़ 722
राजस्थान 721
उत्तराखंड 652
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मध्यप्रदेश में सबसे अधिक तेंदुए
सबसे अधिक तेंदुए के मामलें में मध्य प्रदेश की बादशाहत बरकरार है, हालांकि तेंदुओं संख्या सबसे ज्यादा कर्नाटक में बढ़ी है. केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने डेटा जारी किया है, मध्य प्रदेश में साल 2018 की तुलना में 486 तेंदुओं की संख्या में वृद्धि हुई, पन्ना नेशनल पार्क और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा तेंदुए ट्रैप हुए हैं, साल 2018 में 3421 और 2022 में 3907 तेदुए मध्य प्रदेश में थे, इस बार की गणना में सेंट्रल इंडिया और पूर्वी घाट में सबसे ज्यादा तेंदुए मध्य प्रदेश में पाए गए हैं.
इन राज्यों में घटी तेंदुए की संख्या
वही जिन राज्यों में संख्या घटी है उनमें उत्तराखंड, बिहार, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गोवा, केरल शामिल हैं, सबसे कम तेंदुए अरुणाचल प्रदेश में है यहां इनकी संख्या महज 42 है, उत्तराखंड में 2018 की गणना में 839 तेंदुए थे, 2022 में 652 हो गए. बिहार में पिछली गणना में 98 थे, इस गणना में 86 हो गए है. तेलंगाना में पिछली गणना में 334 थे, इस गणना में 297 पर सिमट गए है. इसी तरह से गोवा और केरल में भी संख्या कम हुई है.