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NITI Aayog Meeting : आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में होगी नीति आयोग की महत्वपूर्ण बैठक, ममता बनर्जी होगी शामिल, जानिए किन मुद्दों पर होगी चर्चा

NITI Aayog Meeting

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में दिल्‍ली में आज शनिवार 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक होनी है। राजधानी दिल्ली में होने वाली इस अहम बैठक में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर चर्चा किया जायेगा। हालांकि, बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कई विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

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लेकिन खास बात यह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होंगी। जिसके लिए वे कोलकाता से दिल्ली पहुंच चुकी हैं। भारत को अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक 30,000 अरब अमेरिकी डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए एक ‘दृष्टिकोण दस्तावेज’ तैयार किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि नीति आयोग की बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा होगी।

NITI Aayog Meeting

बैठक में शामिल नहीं होंगे विपक्षी दल के कई सीएम
शनिवार को पीएम मोदी की अगुवाई में होने वाली गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विपक्षी दलों के कई मुख्यमंत्रियों ने भाग नहीं लेने का फैसला किया है। कांग्रेस शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों-कर्नाटक के सिद्दरमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने घोषणा की है कि वे बजट में अपने राज्यों के प्रति पक्षपात के कारण नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेंगे।

तो वही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एमके स्टालिन, केरल के सीएम और माकपा नेता पिनराई विजयन के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब और दिल्ली सरकारों ने भी बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

तो वही कोलकाता से दिल्ली रवाना होने से पहले ममता बनर्जी ने कहा, ‘मौका मिला तो मैं बैठक में गैर-NDA शासित राज्यों के साथ बजट में किए गए भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाऊंगी। साथ ही बंगाल और उसके पड़ोसी राज्यों को विभाजित करने की साजिश पर भी बोलूंगी। यदि मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया, तो मैं बैठक से बाहर आ जाऊंगी।’

बैठा में रहेंगे ये पांच प्रमुख विषय
पेयजल: पहुंच, मात्रा तथा गुणवत्ता;
बिजली: गुणवत्ता, दक्षता तथा विश्वसनीयता;
स्वास्थ्य: पहुंच, सामर्थ्य तथा देखभाल की गुणवत्ता;
स्कूली शिक्षा: पहुंच तथा गुणवत्ता तथा
भूमि और संपत्ति: पहुंच, डिजिटलीकरण, पंजीकरण तथा उत्परिवर्तन पर सिफारिशें की गईं थीं।

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