New Indian Army Chief
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार 11 जून को लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को अगला सेना प्रमुख बनाया गया है। लेफ्टिनेंट उपेंद्र द्विवेदी इससे पहले वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के तौर पर कार्यरत हैं। उनका कार्यकाल 30 जून 2024 से शुरू होगा।
सूत्रों के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 30 जून को कार्यभार ग्रहण करेंगे, जबकि वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल मनोज सी पांडे उसी दिन अपना पद छोड़ेंगे। जनरल पांडे को पहले 31 मई को रिटायर होना था, लेकिन सरकार ने पिछले महीने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए उनकी रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले उनका कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया था।
New Indian Army Chief
1 जुलाई 1964 को जन्मे उपेंद्र द्विवेदी को दिसंबर 1984 में सेना की इन्फैंट्री (जम्मू और कश्मीर राइफल्स) में कमीशन मिला था। उपेंद्र द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति कार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
नए आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी के बारे में जानें
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी फिलहाल उप सेना प्रमुख के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने 19 फरवरी को उप सेना प्रमुख का पदभार संभाला था। इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 2022-2024 तक उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में सेवाएं दे रहे थे। उन्होंने पूर्वी लद्दाख को लेकर चीन के साथ चल रही बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी।
सेना के उत्तरी कमान का काम चीन से लगने वाले बॉर्डर की सुरक्षा और पाकिस्तान से लगने वाली भारत की सरहद की हिफाजत करना है। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ था। वह सैनिक स्कूल, रीवा के पूर्व छात्र हैं। वह 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की 18-जम्मू कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे। बाद में उन्होंने यूनिट की कमान संभाली। अपने करीब 40 साल के कैरियर में वह कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।
New Indian Army Chief
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू में भी पढ़ाई की है। उपेंद्र द्विवेदी के पास रक्षा और मैनेजमेंट में एम फिल व सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं।
देश के नए आर्मी चीफ के पास उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर काम करने का शानदार अनुभव है। वे कश्मीर और राजस्थान में भी यूनिट की कमान संभाल चुके हैं। उनके पास न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ लड़नेका अनुभव है बल्कि उनको उत्तरी पूर्वी राज्यों में उग्रवाद से निपटने वाले ऑपरेशन में महारत भी हासिल हैं। नए सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी सेना के आधुनिकीकरण प्रक्रिया में भी शामिल रह चुके हैं। आत्मनिर्भर भारत के तौर पर सेना में स्वदेशी हथियारों के शामिल कराने में भी लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की अहम भूमिका रही है।