Neha Singh Rathore Case
लखनऊ। लोकप्रिय लोकगायिका और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, नेहा सिंह राठौड़ के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर उन्होंने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 2025 में हुए आतंकवादी हमले पर विवादित टिप्पणी की थी। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने विशेष रूप से हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाते हुए 26 लोगों की हत्या की थी। नेहा ने इस घटना को लेकर कुछ आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली थीं, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ।
Neha Singh Rathore Case
क्या था विवाद?
नेहा सिंह राठौड़ ने पहलगाम हमले को लेकर अपनी सोशल मीडिया पोस्ट्स में इस घटना को राजनीतिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए कहा था कि यह घटना बिहार चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। उनकी इस टिप्पणी को राष्ट्रीय एकता और अखंडता के खिलाफ माना गया और उन पर आरोप लगा कि उन्होंने इस हमले को लेकर गलत प्रचार किया और पाकिस्तान के पक्ष में सहानुभूति पैदा करने की कोशिश की।
एफआईआर और आरोप
एफआईआर के तहत 11 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की गंभीर धाराएं शामिल हैं जैसे:
- देशद्रोह (Section 124A): नेहा पर यह आरोप है कि उन्होंने अपने बयान से भारत के खिलाफ वातावरण बनाया और पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिए।
- आईटी एक्ट (Section 69A): सोशल मीडिया पर भ्रामक और देश विरोधी सामग्री साझा करने का आरोप।
- धार्मिक उन्माद (Section 153A): धर्म, जाति के आधार पर लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने का आरोप।
Neha Singh Rathore Case
इस एफआईआर के बाद, गाजियाबाद से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भी अपनी शिकायत में नेहा के खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि नेहा ने आतंकी हमले के बाद भारत सरकार और भारतीय सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराया, जबकि असल दोषी पाकिस्तान है।
नेहा का बयान
एफआईआर के बाद, नेहा सिंह राठौड़ ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “मेरे ऊपर एफआईआर हो गई है, होनी भी चाहिए। एक मामूली लड़की इतने बड़े लोकतंत्र में सवाल कैसे पूछ सकती है! लोकतंत्र का साइज़ तो देखो! धन्यवाद योगी जी, धन्यवाद मोदी जी!” उनके इस बयान ने और भी विवाद को जन्म दिया, क्योंकि उन्होंने इसे लोकतंत्र पर सवाल उठाने के रूप में प्रस्तुत किया।
Neha Singh Rathore Case
कानूनी और राजनीतिक दबाव
नेहा सिंह राठौड़ के खिलाफ की गई एफआईआर और विभिन्न आरोपों के बाद, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के कई नेता और विधायक इस मामले में और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनके मुताबिक, नेहा ने आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बनाने की बजाय, भारत सरकार को ही निशाना बनाया, जिससे देश की छवि को नुकसान हुआ और पाकिस्तान के एजेंटों की तरह काम किया।
इसके अलावा, यह आरोप भी है कि नेहा सिंह राठौड़ ने अपने सोशल मीडिया चैनल्स के माध्यम से पाकिस्तान के पक्ष में प्रचार किया और भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया पर नकारात्मक संदेश फैलाया। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि उनके पोस्ट और बयान पाकिस्तान के हित में थे, जिससे आतंकी हमलों को समर्थन मिलने की संभावना बनी।
अब यह देखना होगा कि पुलिस की जांच के बाद नेहा पर क्या आरोप सिद्ध होते हैं और इस मामले में कानूनी कार्रवाई किस हद तक आगे बढ़ती है। वहीं, इस पूरे विवाद ने देश में एक नया राजनीतिक और सामाजिक तूफान खड़ा कर दिया है। नेहा पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं, और इसे एक बडी राजनीतिक घटना के रूप में देखा जा रहा है, जिसका प्रभाव आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है।
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