नई दिल्ली. भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है. Navy Veterans Released By Qatar कतर ने जिन आठ भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मचारियों को मौत की सजा सुनाई थी, उन्हें रिहा कर दिया गया है. आठ में से सात कर्मचारी भारत आ चुके हैं. भारत पहुंचे नागरिकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बिना भारत वापस आना हमारे लिए असंभव था. उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में निरंतर राजनयिक प्रयासों को दिया है। वहीं सभी पूर्व कर्मियों की रिहाई पर सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी की वाहवाही हो रही है.

दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद नौसेना के सात पूर्व अधिकारियों ने भारत माता की जय के नारे लगाए. एक रिपोर्ट के मुताबिक एक पूर्व सैनिक ने सजा सुनाए जाने के संबंध में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से सीधे तौर पर बात करने के लिए मोदी का शुक्रिया अदा किया, साथ ही उन्होंने अपनी आजादी के लिए प्रधानमंत्री के कूटनीतिक कदमों की अहम भूमिका पर जोर दिया.
केंद्र सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर अनुभवी अधिकारियों को रिहा करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भारत सरकार दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है, Navy Veterans Released By Qatar जिन्हें कतर में हिरासत में लिया गया था. उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं.

विदेश मंत्रालय ने नवंबर 2023 में कहा था कि भारत ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा पर कतर के साथ अपील दायर की है, जिन्हें 2022 अगस्त में गिरफ्तार किया गया था और पिछले साल अक्टूबर महीने में मौत की सजा सुनाई गई थी. आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर में कैद थे और उन पर पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित रूप से जासूसी करने का आरोप लगाया गया था. सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने उन आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी जिन्हें अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है.