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MYANMAR EARTHQUAKE : भूकंप से कराह उठा म्यांमार, 1700 से ज्यादा की मौत, 35 लाख लोग बेघर

MYANMAR EARTHQUAKE

नेपीता। म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस आपदा में अब तक 1700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3400 से अधिक लोग घायल हैं। 139 लोग अब भी लापता हैं, और सैकड़ों लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।

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भूकंप के बाद से अब तक छह झटके और महसूस किए गए, जिससे तबाही और बढ़ गई। शनिवार को 6.4 तीव्रता और रविवार को 5.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इन झटकों ने बचाव कार्यों को और मुश्किल बना दिया है।

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भूकंप से म्यांमार में तबाही का मंजर

भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ

भारत ने “ऑपरेशन ब्रह्मा” के तहत म्यांमार को सबसे पहले मदद पहुंचाई। पांच सैन्य विमानों के जरिए राहत सामग्री, बचाव दल और चिकित्सा उपकरण भेजे गए। मांडले को राहत अभियान का केंद्र बनाया गया है। भारतीय टीम ने नेपीता हवाई अड्डे पर जरूरी सामान उतारकर एक बंदरगाह क्षेत्र में अपना बेस तैयार कर लिया है।

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मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी

चार दिन बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी है। लोग अपने हाथों से मलबा हटाकर अपनों को खोजने में लगे हैं। चीन की बचाव टीम ने 40 घंटे बाद एक बुजुर्ग को जिंदा बाहर निकाला। सिंगापुर और थाईलैंड से भी बचाव टीमें पहुंच चुकी हैं।

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थाईलैंड में भी भूकंप का असर

म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30 मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने से 18 लोगों की मौत हो गई। 100 से ज्यादा लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। इस्राइल ने थाईलैंड में बचाव कार्य के लिए 21 विशेषज्ञों की टीम भेजी है।

संकट में म्यांमार, आगे क्या?

म्यांमार पहले से ही गृहयुद्ध और मानवीय संकट का सामना कर रहा था, अब यह भूकंप हालात को और बदतर बना रहा है। राहत-बचाव कार्यों में बाधाएं हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मदद की उम्मीद बनी हुई है। मलबे में फंसे लोगों को निकालने और बेघर हुए लाखों लोगों को राहत देने के लिए बचावकर्मी पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

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