MOHLA MANPUR POLICE
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राज्य पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो नक्सलियों के लिए कथित रूप से काम कर रहा था।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
आईटीबीपी की 27वीं बटालियन और जिला पुलिस ने बुधवार को गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की। इस दौरान कांकेर जिले के रहने वाले मोहन गावड़े (34 वर्ष) को पकड़ा गया। बताया जा रहा है कि वह नक्सलियों को हर तरह की सहायता पहुंचा रहा था।
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नक्सलियों के लिए क्या करता था मोहन गावड़े?
अधिकारियों के अनुसार, गावड़े माओवादियों को स्थानीय स्तर पर सहयोग देता था और उनके लिए रंगदारी वसूलने में मदद करता था। इसके अलावा, वह नक्सलियों की गतिविधियों के लिए जरूरी सामान और सूचनाएं भी उन तक पहुंचाता था। सुरक्षा बलों को लंबे समय से गावड़े की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी, जिसके आधार पर उसे पकड़ा गया।
सुरक्षा बलों का क्या कहना है?
आईटीबीपी की 27वीं बटालियन के कमांडेंट विवेक कुमार पांडे और पुलिस अधीक्षक वाई पी सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि यह इलाका महाराष्ट्र की सीमा से सटा हुआ है और सुरक्षा बल इसे वामपंथी उग्रवाद (LWE) से मुक्त करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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नक्सल विरोधी अभियान में बढ़ती सक्रियता
छत्तीसगढ़ का यह इलाका लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है। लेकिन हाल के वर्षों में सुरक्षाबलों ने नक्सल समर्थकों और नेटवर्क को खत्म करने के लिए अपनी रणनीति को और मजबूत किया है। गावड़े की गिरफ्तारी इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
इस अभियान से यह तो साफ है कि सुरक्षा बल अब सिर्फ नक्सलियों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि उनके सहयोगियों और सप्लाई चेन को भी खत्म करने में जुट गए हैं। इससे नक्सलियों की गतिविधियों पर बड़ा असर पड़ सकता है।
फिलहाल अब देखने वाली बात यह होगी कि इस गिरफ्तारी के बाद सुरक्षाबलों को और कौन-कौन सी अहम जानकारियां हाथ लगती हैं, और क्या इस अभियान से इलाके में नक्सली नेटवर्क को और कमजोर किया जा सकेगा?
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