नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में टोटल 76 विदेशी यात्राएं कीं, पीएम मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में 49 यात्राएं की जबकि दूसरे कार्यकाल में उनकी 27 विदेशी यात्राएं ही हुईं, माना जाता है कि उन्होंने कम यात्राएं की क्योंकि इससे भी अधिक यात्राएं होती लेकिन 2020-21 में कोविड महामारी के दौरान यात्राएं बंद थी.
प्रधानमंत्री ने अपने दौरे में विभिन्न महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया और कई देशों के नेताओं के साथ मुलाकात की, यह भारत की वैश्विक पहुंच को बढ़ाने के लिए विदेश नीति की मजबूती देता है. विदेश नीति की परवाह करने वाले प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जाने जाते है.

एक मीडिया रिपोर्ट में पूर्व राजनयिक और विदेश नीति थिंक टैंक गेटवे हाउस में प्रतिष्ठित फेलो राजीव भाटिया का कहना है कि भले ही मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान कम यात्राएं कीं, लेकिन विदेश नीति की पहुंच और विश्व नेताओं से राब्ता बढ़ाने के लिए प्रत्येक यात्रा की योजना काफी सावधानीपूर्वक तैयार की गई थी, पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (एससीओ समिट), इंडोनेशिया में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईस्ट एशिया समिट) और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (ब्रिक्स समिट) में मौजूद रहे, इन कार्यक्रमों का आयोजन जी-20 लीडर्स समिट से कुछ दिन पहले हुआ था.
अफ्रीका और ग्रीस देशों की यात्रा थी महत्वपूर्ण
मोदी ने कई देशों की यात्रा की अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस जैसी बड़ी विश्व शक्तियों और व्यापार भागीदारों पर ध्यान केंद्रित किया, 2019 और 2022 में शंघाई सहयोग संगठन की बैठकों के लिए किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान की उनकी यात्राओं से पता चलता है कि भारत, मध्य एशिया के साथ संबंध बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है जहां बहुत सारे खनिज हैं. प्रधानमंत्री ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान कई अफ्रीकी देशों की यात्रा नहीं की, लेकिन वो दक्षिण अफ्रीका और मिस्र गए, जहां उन्होंने अफ्रीका के मित्र के रूप में भारत के इतिहास पर जोर दिया.

इन देशों की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री
पीएम मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में भारत की तरफ से लंबे अंतराल के बाद कई महत्वपूर्ण देशों में गए, अक्टूबर 2021 में उन्होंने वेटिकन सिटी का दौरा किया, 20 वर्षों में यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोप से मुलाकात की थी, वहीं, मोदी 40 वर्षों में ग्रीस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय नेता बने, अगस्त 2023 में वे दो दिनों के लिए वहां गए, चूंकि रूस-यूक्रेन युद्ध और उत्पाद की कीमतें बढ़ने के कारण दुनियाभर में शिपिंग लागत बढ़ गई, ऐसी परिस्थिति में मोदी की यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही.