MH370 Flight
भारत के इतिहास में एक भयंकर विमान हादसे की दर्दनाक कहानी दर्ज है, यह हादसा आज से 62 साल पहले महाराष्ट्र के जुनार में हुआ था। 35 हजार फीट की ऊंचाई से जहाज तेजी से नीचे आकर पहाड़ी से टकरा कर क्रैश हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार सभी 94 लोग मारे गए।
खबरों की माने तो हादसे का कारण मौसम की जानकारी को गलत समझना, पायलट का जहाज से कंट्रोल छूटना और उसकी स्पीड का अचानक बढ़ जाना, जिसे पायलट कंट्रोल नहीं कर पाए। पायलट को उस रास्ते की जानकारी भी नहीं थी, जहां जहाज की इमरजेंसी लैंडिंग करानी थी। 7 जुलाई 1962 को सुबह के करीब 6:40 बजे महाराष्ट्र के बॉम्बे (मुंबई) में लगभग 84 किलोमीटर (52 मील) उत्तर-पूर्व में हादसा हुआ था। पहाड़ी की तलहटी में मलबा और लाशें मिली थीं।
MH370 Flight
मिली जानकारी के मुताबिक एलीटालिया फ्लाइट 771 ने मल्टी-लेग डगलस डीसी-8-43 प्लेन ऑस्ट्रेलिया के सिडनी एयरपोर्ट से टेकऑफ हुई थी और डरबिन, बैंकॉक, बॉम्बे, कराची और तेहरान होते हुए इटली के रोम एयरपोर्ट पर लैंड होनी थी। इस विमान में 85 पैसेंजर और 9 क्रू मेंबर्स थे।
कैप्टन लुइगी क्वाट्रिन 1939 से पायलट थे और रोम से बॉम्बे तक कई बार आए गए, लेकिन बैंकॉक के रास्ते कभी नहीं गए थे, इसलिए उन्हें बैंकॉक से बॉम्बे का रूट की जानकारी नहीं थी। परिणामस्वरूप विमान बैंकॉक से रवाना हुई, लेकिन बैंकॉक से बॉम्बे जाते समय पायलट रास्ता भटक गए, जिसके कारण यह दर्दनाक हादसा हो हुआ।
वही एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को रनवे 27 पर लैंडिंग कराने की परमिशन मिली थी। जहाज 5000 फीट की ऊंचाई पर था। 3600 फीट (1,100 मीटर) की ऊंचाई पर आकर अचानक संपर्क टूटने से पायलट रनवे को नेविगेट नहीं कर पाया और न ही उसे रनवे क्लीयर होने की जानकारी मिली पाई। जिसके परिणामस्वरूप रास्ता भटकने से जहाज दवंद्याची पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया।