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Medicine Price Hike : पेट्रोल-डीजल गैस के बाद अब खरीदनी होंगी महंगी दवाइयां, 1 अप्रैल से महंगी हो जाएंगी 800 दवाइयां

Medicine Price Hike

नई दिल्ली। अप्रैल का महीना शुरू होते ही पहले से ही बढ़ती महंगाई का मार झेल रहे लोगो को एक और बड़ा झटका लगने वाला है। पेट्रोल-डीजल और गैस के बाद अब आम लोगों को महंगी दवाएं खरीदनी होंगी। आम बीमारियों का इलाज करने वाली करीब 800 से ज्यादा जरूरी दवाओं के दाम में 11 प्रतिशत की भारी वृद्धि हो जाएगी। 1 अप्रैल से जरूरी दवाई जैसे पेनकिलर्स से लेकर एंटीबायोटिक के दाम बढ़ने वाले हैं। ऐसे में आम जनता जो पहले से ही महंगाई की मार झेल रही थी उसकी जेब पर और बोझ बढ़ जाएगा।

एसेंशियल यानी जरूरी दवाओं की बात करें तो इसमें पेनकिलर्स, एंटीबायोटिक, दिल की 800 दवाइयां शामिल हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन दवाओं की प्राइस सरकार के कंट्रोल में होता है। इन दवाओं की कंपनी एक साल में सिर्फ 10 प्रतिशत ही दाम बढ़ा सकती है। इस लिस्ट में एंटी कैंसर की दवाएं भी शामिल है। दरअसल, सरकार दवा कंपनियों को एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) में बदलाव के अनुरूप बढ़ोतरी की अनुमति देने के लिए पूरी तरह तैयार है। जानकारी के मुताबिक, बढ़ती महंगाई को देखते हुए फार्मा इंडस्ट्री दवाओं की कीमत बढ़ाए जाने की मांग कर रही थी।

 

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Medicine Price Hike

कितनी कीमतें बढ़ने की संभावनाए हो सकती है:-

डब्ल्यूपीआई के वार्षिक परिवर्तन के अनुरूप, सरकार .0055% की वृद्धि की अनुमति देने को तैयार है। आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची के तहत दवाओं की कीमतें पिछले साल और 2022 में कीमतों में रिकॉर्ड 12% और 10% की भारी वार्षिक वृद्धि के बाद, फार्मा उद्योग के लिए यह मामूली वृद्धि होगी। समायोजित कीमतों में आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल 800 से अधिक दवाएं शामिल होंगी। अनुसूचित दवाओं के मूल्य परिवर्तन की अनुमति वर्ष में एक बार दी जाती है।

ये दवाएं होंगी महंगी:-

1 अप्रैल से जिन 800 आवश्यक दवाओं की कीमतें बढ़ेंगी उसमें एंटीबायोटिक्स, सर्दी-खांसी की दवाएं, कान-नाक और गले की दवाएं, एंटीसेप्टिक्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, दर्द और गैस की दवाएं शामिल हैं। बुखार में उपयोग होने वाली पैरासिटामोल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज वाली एंटीबायोटिक्स एजिथ्रोमाइसिन भी इस लिस्ट में शामिल है। गर्भवती महिलाओं के लिए फोलिक एसिड, विटामिन और मिनरल्स की कमी को दूर करने वाली दवाओं की कीमतें बढ़ेंगी।

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दाम बढ़ने का कारण:-

विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में, कुछ प्रमुख सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्रियों की कीमतें 15% से 130% के बीच बढ़ी हैं, जिसमें पेरासिटामोल की कीमत 130% और एक्सीसिएंट्स की कीमत 18-262% बढ़ी है।ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल, सिरप, सहित सॉल्वैंट्स क्रमशः 263% और 83% महंगे हो गए हैं। इंटरमीडिएट्स की कीमतें भी 11% से 175% के बीच बढ़ी हैं। पेनिसिलिन जी 175% महंगा हो गया है। मेडिसिन की कीमतों में वृद्धि के पीछे की वजह थोक महंगाई में बढ़ोतरी बताई जा रही है। महंगाई के इन्हीं आंकड़ों के आधार पर दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी की दवा कंपनियों को मंजूरी दी गई है।

 

 

 

 

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