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Martyred ASP आकाश गिरपुंजे की पत्नी स्नेहा को मिली डीएसपी पद पर अनुकंपा नियुक्ति…! यहां देखें कहां मिली पोस्टिंग

Martyred ASP Akash Girpunje's wife, Sneha, has been appointed as DSP on compassionate grounds... See where she was posted here!

Martyred ASP

रायपुर, 21 अक्टूबर। Martyred ASP : छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित सुकमा में शहीद हुए एएसपी आकाश राव गिरपुंजे की पत्नी स्नेहा गिरपुंजे को उप पुलिस अधीक्षक (DSP) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी है। राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंगलवार को यह आदेश जारी किया गया। स्नेहा को पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, चंद्रखुरी, रायपुर में पदस्थ किया गया है। कैबिनेट ने इस मामले को ‘विशेष प्रकरण’ मानते हुए नियुक्ति को स्वीकृति दी। सामान्य प्रशासन विभाग के 2013 के एकजाई पुनरीक्षित निर्देश की कंडिका-14 को शिथिल करते हुए यह नियुक्ति की गई है।

IED विस्फोट में शहीद हुए थे आकाश राव गिरपुंजे

उल्लेखनीय है कि एएसपी आकाश राव गिरपुंजे सुकमा जिले में ड्यूटी के दौरान एक आईईडी विस्फोट में शहीद हो गए थे। उनकी शहादत को सम्मान देते हुए सरकार ने परिवार की सेवा भावना को मान्यता दी है। इसी क्रम में स्नेहा गिरपुंजे को राज्य पुलिस सेवा के कनिष्ठ वेतनमान (₹56,100–₹1,77,500) में दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि के साथ डीएसपी पद पर नियुक्त किया गया है।

प्रशिक्षण और नियमों का पालन अनिवार्य

जारी आदेश के अनुसार, स्नेहा गिरपुंजे को पुलिस प्रशिक्षण अकादमी तथा छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी द्वारा तैयार प्रशिक्षण कार्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होगा। प्रशिक्षण के बाद ली जाने वाली परीक्षा में शामिल होना भी जरूरी होगा, और उसी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर उनकी वरिष्ठता का निर्धारण किया जाएगा। अगर अधिकारी प्रथम प्रयास में परीक्षा में असफल होती हैं, तो उन्हें अगले प्रशिक्षण सत्र में पुनः शामिल होकर परीक्षा पास करनी होगी। परीक्षा में विफल रहने पर सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं।

नियुक्ति शर्तें

स्नेहा गिरपुंजे की सेवा शर्तें, स्थायीत्व, वरिष्ठता और पदोन्नति की प्रक्रिया छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 और छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक (राजपत्रित) सेवा भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2005 के अंतर्गत निर्धारित की जाएंगी।

संदेश: कर्तव्यपथ पर शहादत को सलाम, परिवार को सम्मान

छत्तीसगढ़ सरकार का यह निर्णय न केवल शहीद अधिकारी को श्रद्धांजलि है, बल्कि उनके परिवार को सशक्त करने का एक सराहनीय कदम भी है। यह फैसला उन तमाम पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए भी प्रेरणास्रोत है, जो विषम परिस्थितियों में देश की सेवा कर रहे हैं।
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