Mark Carney Cabinet
कनाडा में राजनीतिक बदलाव की बयार चल रही है। देश को नया प्रधानमंत्री मिल गया है और यह जिम्मेदारी अब पूर्व सेंट्रल बैंक गवर्नर मार्क कार्नी के हाथों में है। हाल ही में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में कार्नी ने कनाडा के 30वें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला। इस समारोह की अध्यक्षता गवर्नर जनरल मैरी साइमन ने की, और उनके साथ 30वें कनाडाई मंत्रालय के नए सदस्य भी शामिल हुए जिन्होंने शपथ ली।
मार्क कार्नी की कैबिनेट में खास बात यह रही कि दो भारतीय मूल की महिलाओं को महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये दो नाम हैं – अनीता आनंद और कमल खेड़ा। दोनों ने पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट में मंत्री पद संभाला था और अब नई सरकार में भी इनकी मौजूदगी बरकरार रखी गई है, जो न केवल इनके अनुभव का सम्मान है, बल्कि भारतीय समुदाय के लिए भी गर्व की बात है।
Mark Carney Cabinet
अनीता आनंद को मार्क कार्नी की कैबिनेट में नवाचार, विज्ञान और आर्थिक विकास मंत्री नियुक्त किया गया है। अनीता पहली बार 2019 में ओकविले से संसद सदस्य बनी थीं। इससे पहले वे राष्ट्रीय रक्षा मंत्री, सार्वजनिक सेवा व खरीद मंत्री और ट्रेजरी बोर्ड की अध्यक्ष जैसी जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं। वे पेशे से एक कानूनी विद्वान हैं और टोरंटो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रह चुकी हैं,
जहां उन्होंने निवेशक संरक्षण और कॉर्पोरेट गवर्नेंस के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की थी। अनीता का जन्म नोवा स्कोटिया में हुआ था और वे 1985 में ओंटारियो चली गई थीं। शपथ के बाद अनीता ने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा कि कनाडा को नकारात्मकता से नहीं, एकजुटता और काम के बल पर आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वे तुरंत देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के कार्य में जुट जाएंगी।
Mark Carney Cabinet
दिलचस्प बात यह रही कि अनीता आनंद, जो कभी प्रधानमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे थीं, उन्होंने जनवरी में घोषणा की थी कि वे न तो चुनाव लड़ेंगी और न ही प्रधानमंत्री पद की दौड़ में रहेंगी। लेकिन 1 मार्च को उन्होंने यह फैसला बदलते हुए राजनीति में सक्रिय बने रहने की बात कही और अब वे मार्क कार्नी की कैबिनेट का अहम हिस्सा हैं।
दूसरी ओर, दिल्ली में जन्मी कमल खेड़ा को कनाडा की नई सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। कमल का परिवार तब कनाडा चला गया था, जब वे स्कूल में पढ़ रही थीं। उन्होंने टोरंटो की यॉर्क यूनिवर्सिटी से विज्ञान की डिग्री ली और पेशे से एक रजिस्टर्ड नर्स हैं। 2015 में उन्हें ब्रैम्पटन वेस्ट से संसद सदस्य चुना गया और तब से वे कनाडा की सबसे युवा सांसदों में से एक मानी जाती हैं। कमल ने राजनीति में सक्रियता के साथ-साथ सामाजिक सेवा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी अपनी गहरी भागीदारी निभाई है।
मार्क कार्नी की नई सरकार ने कनाडा की अर्थव्यवस्था और समाज में स्थिरता लाने का वादा किया है। भारतीय मूल की इन दोनों महिलाओं की भागीदारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। यह न केवल कनाडा में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देता है, बल्कि विश्वभर में भारतीय समुदाय की सशक्त उपस्थिति को भी दर्शाता है।