Mann ki Baat
नई दिल्ली। देश के यशश्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की सुबह 11 बजे ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 114वें एपिसोड के माध्यम से सभी देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज जा एपिसोड भावुक करने वाला है। इस दौरान उन्होंने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 10 साल पूरे होने पर भी बात की।
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10 साल पहले ‘मन की बात’ का प्रारंभ 3 अक्टूबर विजयादशमी के दिन हुआ था और ये कितना पवित्र संयोग है, कि इस साल 3 अक्टूबर को जब ‘मन की बात’ के 10 वर्ष पूरे होंगे, तब नवरात्रि का पहला दिन होगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ की इस लंबी यात्रा के कई ऐसे पड़ाव हैं, जिन्हें मैं कभी भूल नहीं सकता।
Mann ki Baat
इस कार्यक्रम के करोड़ों श्रोता हमारी इस यात्रा के ऐसे साथी हैं, जिनका मुझे निरंतर सहयोग मिलता रहा। देश के कोने-कोने से उन्होंने जानकारियां उपलब्ध कराई। इसके श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं।
बता दें कि ‘मन की बात’ की शुरुआत तीन अक्तूबर 2014 को हुई थी। इसे 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जाता है, जिसमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जाता है।
Mann ki Baat
2 अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत मिशन’
पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता को लेकर पुडुचेरी के समुद्र तट पर भी जबरदस्त मुहिम चलाई जा रही है। यहां रम्या जी नाम की महिला माहे क्षेत्र के समुद्र तटों को साफ-सुथरा बना रही हैं। मैंने यहां सिर्फ दो प्रयासों की चर्चा की है, लेकिन, हम आसपास देखें, तो पाएंगे कि देश के हर किसी हिस्से में स्वच्छता को लेकर कोई-ना-कोई अनोखा प्रयास जरूर चल रहा है|
कुछ ही दिन बाद आने वाले 2 अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के 10 साल पूरे हो रहे हैं। यह अवसर उन लोगों के अभिनंदन का है जिन्होंने इसे भारतीय इतिहास का इतना बड़ा जन-आंदोलन बना दिया। यह महात्मा गांधी जी को भी सच्ची श्रद्धांजलि है, जो जीवनपर्यंत, इस उद्देश्य के लिए समर्पित रहे थे।
अमेरिका ने वापस लौटाईं 300 प्राचीन कलाकृतियां
पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने भारत को करीब 300 प्राचीन कलाकृतियों को वापस लौटाया है। लौटाई गई कलाकृतियां स्टोन, हाथी के दांत, लकड़ी, तांबा और कांसे जैसी चीजों से बनी हुई हैं। इनमें से कई कलाकृतियां तो 4000 साल पुरानी हैं। जिसके लिए हम सबको अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए।
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