Mahavir Jayanti 2024
आज देश भर में भगवान महावीर की जयंती बड़े धूम धाम से मनाई जा रही है। हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती मनाई जाती है। भगवान महावीर को वीर, वर्धमान, अतिवीर और सन्मति के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवन में तप और साधना से नए प्रतिमान स्थापति किए। उन्होंने जैन समुदाय के अनुयायियों के लिए पांच सिद्धांत बताई है, जिनका पालन सभी को करना चाहिए। आज महावीर जयंती के अवसर पर जाने हैं भगवान महावीर के जन्म, जीवन, उपदेश आदि के बारे में।
जैन धर्म के पांच मुख्य सिद्धांत
सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य।
भगवान महावीर का परिचय
भगवान महावीर जैन धर्म के अंतिम तीर्थांकर माने जाते हैं। इनके पिता वज्जि गणराज्य के राजा थे जिनका नाम सिदार्थ है और इनकी माता त्रिशला देवी हैं। महावीर जैन का संबंध भगवान राम से भी माना जाता है। क्योंकि महावीर जैन का जन्म उसी कुल में हुआ था जिस कुल में भगवान राम का जन्म हुआ था। भगवान राम और महावीर जैन दोनों ही सूर्यवंशी हैं और दोनों का जन्म इच्छवाकु वंश में हुआ है।
Mahavir Jayanti 2024
वर्धमान से महावीर बनने का सफर
भगवान महावीर के बचपन का नाम वर्धमान था। इन्होंने ज्ञान की प्राप्ति के लिए कठोर तप किया। 30 वर्ष की आयु में राजसी सुखों का त्याग करके तप का आचरण किया। 12 साल 6 महीने और 5 दिनों के कठोर तप से इन्होंने अपनी इच्छाओं और विकारों पर नियंत्रण पा लिया और कैवल्य की प्राप्ति। इस कठोर तप को करने के कारण वर्धमान महावीर कहलाए।
महावीर जयंती का महत्व
जैन धर्म के लोगों के लिए महावीर जयंती बेहद खास दिन माना जाता है। इस दिन वे भगवान महावीर की पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी सिखाई गई शिक्षाओं को याद करते हैं। इस दिन धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। भगवान महावीर के जन्मदिवस पर लोग भगवान महावीर की पूजा भी करते हैं।