Maha Lakshmi Murder Case
बेंगलुरु। बेंगलुरु की दिल दहला देने वाले घटना महालक्ष्मी मर्डर केस में बड़ा खुलासा हुआ है। महिला महालक्ष्मी की हत्या करने और उसके शरीर को 49 से ज़्यादा टुकड़ों में काटने वाले संदिग्ध व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। संदिग्ध आरोपी की पहचान 30 वर्षीय मुक्तिरंजन रॉय के रूप में हुई है, जो ओडिशा के भद्रक जिले के धुसुरी इलाके में एक पेड़ से लटका हुआ उसका शव पाया गया। महालक्ष्मी का सहकर्मी मुक्तिरंजन इस जघन्य हत्या के बाद से फरार था।
कर्नाटक पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की थी और उसे पकड़ने के लिए चार टीमें ओडिशा भेजी थीं। अपराध के बाद मुक्तिरंजन कई दिनों तक पुलिस की गिरफ़्तारी से बचता रहा और फिर गायब हो गया। बता दे कि मुक्ति ने महालक्ष्मी की हत्या करने के बाद उनके शव को 59 टुकड़ों में काटकर बेंगलुरु स्थित उनके घर के फ्रिज में छिपा दिया था।
Maha Lakshmi Murder Case
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी रंजन मंगलवार को अपने गांव गया था, लेकिन बाद में वह घर से निकल गया और उसका शव गांव के बाहर मिला। वहीं परिजनों ने शव की शिनाख्त कर ली है और उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले की जानकारी जुटाने के लिए आगे की जांच की जा रही है।
पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमे आरोपी ने कथित तौर पर महालक्ष्मी की हत्या करने की बात कबूल की है। जिसके बाद सुसाइड नोट के आधार पर बेंगलुरु पुलिस ने पुष्टि की है कि वही इस हत्याकांड का आरोपी है। महालक्ष्मी और रंजन साल 2023 एक-दूसरे जानते थे और रिलेशनशिप में थे। दोनों एक ही मॉल में काम करते थे।
Maha Lakshmi Murder Case
20 सितंबर को बेंगलुरु के व्यालिकावल इलाके में बसप्पा गार्डन के पास बने तीन मंजिला मकान में 29 साल की महालक्ष्मी की लाश मिली थी। उसके शव के 59 टुकड़े कर फ्रिज में रखे गए थे। महालक्ष्मी मल्लेश्वरम में एक कॉस्ट्यूम आउटलेट में टीम लीडर थी। महालक्ष्मी की शादी नेलमंगला में रहने वाले हेमंत दास से हुई थी। हेमंत मोबाइल एसेसरीज की शॉप में काम करता है। उनकी 4 साल की एक बेटी भी है। महालक्ष्मी और हेमंत करीब 4 साल से अलग-अलग रह रहे थे।
घर से बदबू आने पर हुआ था मर्डर का खुलासा
जिस किराये के घर में महालक्ष्मी रहती थी। उसके पास रहने वाले पास ही रहने वाले जीवन प्रकाश को तेज बदबू आ रही थी। जीवन महालक्ष्मी के दरवाजे पर पहुंचे तो बदबू इतनी बढ़ गई कि खड़ा होना मुश्किल हो गया था। जिसके बाद जीवन ने तुरंत महालक्ष्मी के भाई उक्कम सिंह और बहन को फोन लगाया था। देर रात करीब 12.30 बजे महालक्ष्मी की फैमिली पहुंची थी।
Maha Lakshmi Murder Case
इसके बाद दरवाजे का लॉक तोड़ा गया था। दरवाजा खुलने पर सबके होश उड़ गए थे। कमरे में खून बिखरा पड़ा था और जमीन पर कीड़े रेंग रहे थे। घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था। फ्रिज खोला तो अंदर महालक्ष्मी का कटा सिर, पैर और डेडबॉडी के 59 से ज्यादा टुकड़े थे। परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
मिली जानकारी के मुताबिक हत्या का आरोपी महालक्ष्मी के साथ काम करने वाली कंपनी में टीम हेड के रूप में वरिष्ठ पद पर था, और 1 सितंबर से काम पर आना बंद कर दिया था। महालक्ष्मी का काम पर आखिरी दिन भी उसी दिन था।” पुलिस का मानना है कि मूल रूप से ओडिशा का रहने वाला मुक्तिरंजन काम के लिए बेंगलुरु में रह रहा था। हत्या के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन जांचकर्ताओं को संदेह है कि यह व्यक्तिगत विवादों या ऑफिस से उपजा हो सकता है।