LOKSABHA ELECTION 2024
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति से रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता, वकील प्रशांत भूषण, ने तर्क दिया है कि सरकार द्वारा प्रस्तावित नियुक्तियां चुनाव आयोग (ईसी) की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को कमजोर करेंगी। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार द्वारा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बनाई गई प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और यह संविधान का उल्लंघन करती है.
सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक याचिका पर सुनवाई की तारीख तय नहीं की है. कहा जा रहा की 15 मार्च को हो सकती है चयन समिति की बैठक. इससे पहले उच्च पदस्थ सूत्रों ने रविवार को जानकारी दी कि नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नामों को अंतिम रूप देने के वास्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति की 15 मार्च को बैठक होगी. निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की पिछले महीने रिटायरमेंट और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे से निर्वाचन आयुक्तों के दो पद रिक्त हो गए हैं.
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इस बीच, सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार ने एक चयन समिति का गठन किया है, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और गृह मंत्री शामिल हैं। चयन समिति सीईसी और अन्य चुनाव आयुक्तों के पदों के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करेगी.
कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया. रिटायर्ड नौकरशाह गोयल पंजाब कैडर के1985-बैच के आईएएस अधिकारी थे. वह नवंबर 2022 में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे. फरवरी में अनूप चंद्र पांडे की रिटायरमेंट और गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं.
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति से रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है. सरकार द्वारा इस सप्ताह के अंत में दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति किए जाने की उम्मीद है.