Lithium found in Sukma, Bastar
रायपुर\बस्तर। दुनिया में तेजी से बढ़ रहे ईवी यानी इलेक्ट्रिकल व्हीकल के लिए अनिवार्य लिथियम बैटरियों का महत्वपूर्ण कंपोनेंट लिथिमय का बड़ा भंडार छत्तीसगढ़ में मिलने का दावा किया गया है। ये भंडार बस्तर के सुकमा जिले में तोंगपाल इलाके में मिला है। खबर है कि जिले के गोविंदपाल और चंतलनार इलाके में कच्चे टिन मटेरियल के साथ लेपिडोलाइट पाया गया है। इसे लीथियम बेरिंग माइका कहा जाता है। यानी इसमें ठीक मात्रा में लिथियम पाया जाता है।
दुनिया में तेजी बढ़ रही लिथियम की मांग को देखते हुए एटामिक मिनरल डिवीजन और यूएनडीपी (यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम) ने 1980 की वह उस रिपोर्ट पर दोबारा काम शुरू किया है जिसमें टिन यानी केसिटेराइट की खदानों में लेपिडोलाइट की मौजूदगी रिपोर्ट की थी।
Lithium found in Sukma, Bastar
विशेषज्ञों के मुताबिक सुकमा में लीथियम के भंडार के मामले में अब यही देखना बाकी है कि वहां के भंडार व्यावसायिक उत्खनन के हिसाब से कितने फायदेमंद हो सकते हैं।
लिथियम में अभी चीन का एकाधिकार
ईवी के लिए जरूरी बैटरियों की बढ़ती मांग पूरे विश्व में बढ़ रही है। कार कंपनियां ईवी को ही भविष्य का परिवहन मान रही है। फिलहाल लिथियम बैटरियों के मामले में चीन का एकाधिकार कायम है। विश्व के इस मार्केट में अकेले चीन की हिस्सेदारी 80 फीसदी है। इसको ध्यान में रखते हुए भारत में वैज्ञानिकों ने सालों से लीथियम की तलाश में हाथ पैर मार रहे हैं।
Lithium found in Sukma, Bastar
कहां कहां मिला लिथियम
इसी का नतीजा है कि फरवरी में कश्मीर के सलाल-हैमला में पहला भंडार मिला। यहां की खदानों में 59 लाख टन लीथियम मिलने की उम्मीद है। इसके कुछ दिन बाद राजस्थान के नागौर में बड़े भंडार की पुष्टि हो चुकी है। वहीं छत्तीसगढ़ के कोरबा में भी लिथियम मिलने के दावे पिछले साल किए गए थे। इधर कटघोरा में लीथियम भंडार की प्रास्पेक्टिंग लीज दी जा रही है। इस बात को कुछ दिन भी नहीं गुजरे कि बस्तर के सुकमा में लीथियम की मौजूदगी की पुरानी फाइलें खुल गई हैं।