LEAP DAY 2024
नई दिल्ली। हर खास मौके पर गूगल अपने यूजर्स को डूडल के जरिए बधाई देता है।आज 29 फरवरी का दिन कई मायनो में खास है। आज गुरुवार को पूरी दुनिया की तरह ‘लीप डे’ मना रहा है वो भी खास अंदाज में। दरअसल Google ने इस खास मौके पर एक अद्भुत डूडल तैयार किया है।
लीप ईयर 2024 के लिए गूगल डूडल में एक तालाब में एक मेंढक को दर्शाया गया है जो 29 नंबर से तेजी से छलांग लगाता है और मेंढक के दाएं और बाएं तरफ नंबर 1 और 28 हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों लीप डे मनाया जाता है इसके पीछे की कहानी क्या है और कितने सालों बाद यह आता है।
LEAP DAY 2024
हमारे कैलेंडर को पृथ्वी और सूर्य के साथ संरेखित रखने के लिए लगभग हर चार साल में मनाया जाता है। इस मौके पर गूगल ने दुनिया भर में फैले अपने यूजर्स को Happy Leap Day2024 कह कर बधाई दी है।
29 फरवरी-लीप डे
29 फरवरी को लीप डे का दिन माना जाता है. ये साल 2024 एक लीप ईयर है। लीप ईयर में फरवरी में 29 दिन होते हैं. इस साल 29 फरवरी का दिन आया है जबकि हर बार फरवरी 28 दिन की होती है। कलेंडर को बैलेंस रखने के लिए हर चाल साल बाद फरवरी महीने में 29 फरवरी की तारीख को जोड़ा जाता है।
LEAP DAY 2024
लीप ईयर क्यों होता है ?
लीप ईयर केवल वो नहीं है, जो हर चाल साल बाद आए, इसकी अपनी एक अलग अहमियत है। पृथ्वी के एक दिन में पूरे 24 घंटे न होकर 23.262222 घंटे होते हैं। वहीं, हर साल अगर 29 फरवरी की तारीख को जोड़ दिया जाए, तो कलेंडर 44 मिनट आगे हो जाएगा, जिसकी वजह से सभी मौसम और महीनों के बीच एक अलग डिफरेंस पैदा हो जाएगा।
29 फरवरी का दिन कैलेंडर और पृथ्वी के ऑर्बिट के बीच संतुलन बनाने में मदद करता है। अगर ये लीप डे न हो, तो मई-जून में आने वाली गर्मी नवंबर के महीने में पहुंच जाएगी। 29 फरवरी का दिन आने से सभी मौसम अपनी सही महीने में ही हर साल आते हैं। इससे कैलेंडर में बैलेंस बना रहता है।
LEAP DAY 2024
इसकी शुरूआत के लगभग 1,600 वर्षों के बाद, जूलियन कैलेंडर को अंततः आधिकारिक उपयोग से हटा दिया गया, पोप ग्रेगरी XIII और उनके सलाहकारों ने 1582 में इस प्रणाली को ग्रेगोरियन कैलेंडर से बदल दिया।
उस वर्ष अक्टूबर में, कैलेंडर ने अपने अग्रदूत के तहत जमा हुए अतिरिक्त दिनों को सही करने के लिए 10 दिन छोड़ दिए। आगे की विसंगतियों से बचने के लिए ग्रेगोरियन कैलेंडर भी लीप वर्षों का अधिक सटीक हिसाब लगाता है।
पृथ्वी द्वारा हर साल सूर्य की परिक्रमा करने में लगने वाले छह अतिरिक्त घंटों की भरपाई के लिए हर चार साल में एक बार लीप दिवस होता है। पृथ्वी को एक चक्कर पूरा करने में ठीक 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट और 56 सेकंड का समय लगता है।