Lawyers Protest Against Advocate Bill
इंदौर। मध्य प्रदेश में वकीलों ने अधिवक्ता संशोधन बिल के विरोध में एकजुट होकर आंदोलन तेज कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेशभर में वकील इस बिल को “काला कानून” बता रहे हैं और इसे अभिभाषकों की स्वतंत्रता और स्वायत्तता के खिलाफ मान रहे हैं।
जिसके लिए वकीलों ने विभिन्न शहरों में प्रदर्शन किए हैं। तो वहीं शुक्रवार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही बार काउंसिल और अन्य वकील संगठनों ने भी अधिवक्ता संशोधन बिल का विरोध दर्ज कराया है।
Lawyers Protest Against Advocate Bill
क्या है वकीलों की आपत्ति?
- स्वायत्तता पर खतरा: वकीलों का कहना है कि यह बिल उनके पेशे की स्वतंत्रता को बाधित करेगा और सरकार का हस्तक्षेप बढ़ाएगा।
- कल्याणकारी योजनाओं का अभाव: बिल में अधिवक्ताओं के लिए किसी भी प्रकार की कल्याणकारी योजना का प्रावधान नहीं किया गया है।
- पेशे की गरिमा को नुकसान: वकील मानते हैं कि इस बिल से उनकी छवि धूमिल होगी और वकालत की स्वतंत्रता पर असर पड़ेगा।
- कठोर प्रावधान: कई ऐसे नियम शामिल किए गए हैं जो वकीलों को उनके अधिकारों से वंचित कर सकते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया?
गौरतलब है कि अभी तक सरकार की ओर से इस बिल पर कोई ठोस सफाई नहीं दी गई है, जिसके कारण यह मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। वकीलों की मांग है कि इसे तुरंत वापस गया तो, विरोध प्रदर्शन और उग्र हो सकता है।