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Kuki Militants Attack CRPF : मणिपुर में कुकी उग्रवादियों के हमले से दो CRPF जवान शहीद, चुनाव से पहले भी हो चुके है हमले

Kuki Militants Attack CRPF

बिष्णुपुर। मणिपुर के बिष्णुपुर ​​​​​​के ​नारानसेना थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात 12 बजे फिर से कुकी उग्रवादियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों पर हमला किया। जिसमे दो जवान शहीद हो गए हैं। ये जवान CRPF की 128वीं बटालियन के थे। बिष्णुपुर इनर मणिपुर क्षेत्र में आता है। यहां मतदान 19 अप्रैल को हुआ था, मतदान के दौरान भी यहां हिंसा हुई थी।

विगत वर्ष भी मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। आउटर मणिपुर सीट के हिंसा प्रभावित इलाकों के कुछ बूथ पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में भी मतदान होगा।

Kuki Militants Attack CRPF

कुकी संगठनों ने कुछ दिन पहले लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने का ऐलान किया था। उन्होंने न्याय नहीं तो वोट भी नहीं का नारा लगाया था। राज्य में अब तक हुई हिंसा की घटनाओं में 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं।

इम्फाल वैली में मैतेई बहुल है, ऐसे में यहां रहने वाले कुकी लोग आसपास के पहाड़ी इलाकों में बने कैंप में रह रहे हैं। मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं।

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मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

तो वहीं बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।

 

 

 

 

 

 

 

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