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Wednesday, October 22, 2025

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krishna janmashtami 2024 : आइये जानते है किस दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी? पूजा की विधि, महत्व

krishna janmashtami 2024

इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार देश भर में सोमवार यानी 26 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है। इस पावन अवसर पर लाखों कृष्ण भक्त मंदिर में ठाकुर जी के बाल रूप के दर्शन करने पहुंचते हैं। खासकर मथुरा और वृंदावन नगरी में जन्माष्टमी के खास दिन काफी हर्षोल्लास देखने को मिलता है। मान्यता है कि यहीं पर भगवान कान्हा ने जन्म लिया था।

जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का प्रतीक है, जो अधर्म पर धर्म की विजय और प्रेम, भक्ति, और ज्ञान का संदेश देता है। इस पर्व से कुछ दिन पहले ही मथुरा नगरी समेत देशभर के भगवान कृष्ण के मंदिरों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों और गली-मोहल्लें में कई तरह के खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जन्मभूमि और वृंदावन के बांके बिहारी समेत सभी मंदिरों में विशेष तैयारियां की जाती हैं।

krishna janmashtami 2024

देश के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी के पावन अवसर पर खास तैयारियां की जाती हैं। इस दिन बाल गोपाल का विशेष साज-श्रृंगार किया जाता है। इतना ही नहीं लड्डू गोपाल को तरह-तरह के भोग भी चढ़ाए जाते हैं। वहीं कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिर और घरों में बाल गोपाल की भव्य झांकियां भी तैयार की जाती हैं। अगर आप भी इस जन्माष्टमी पर झांकी सजाने जा रहे हैं तो इन नियमों का जरूर ध्यान रखें।

पूजा का शुभ मुहूर्त
  • कृष्ण जन्माष्टमी तिथि- 26 अगस्त 2024
  • भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ- 26 अगस्त को मध्य रात्रि 3 बजकर 39 मिनट से
  • कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन- 27 अगस्त को मध्य रात्रि 2 बजकर 19 मिनट पर
  • रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ- 26 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से
  • रोहिणी नक्षत्र समाप्त- 27 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट पर
  • भगवान कृष्ण की पूजा के लिए निशिता पूजा का समय – मध्य रात्रि 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट (27 अगस्त) तक रहेगा।

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जन्माष्टमी के दिन झांकी सजाते समय इन बातों का रखे खास ध्यान
  • घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में लड्डू गोपाल की झांकी सजाना शुभ माना जाता है। दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में झांकी नहीं सजाना चाहिए।
  • झांकी सजाने के लिए वैयजंती के फूल, अशोक के पत्ते, आम के पल्लव, केले के खंभे आदि चीजों का इस्तेमाल करें।
  • कान्हा की झांकी सजाने के लिए कांटेदार फूल, पत्ते, पौधे, रबर प्लांट और जिन पौधों से दूध निकलता हो उनका प्रयोग बिल्कुल भी न करें।
  • भगवान कृष्ण की झांकी सजाने के लिए टूटी-फूटी वस्तुओं का प्रयोग न करें।
  • जन्माष्टमी पर घर झांकी सजा रहे हैं तो इसमें मोर पंख, बांसुरी और गाय और बछड़े की मूर्ति या तस्वीरें भी जरूर रखें।
  • बांसुरी को भगवान कृष्ण के झूले या मूर्ति के पास रखें। वहीं मोर पंख को को कान्हा के मुकुट या झूले के पास रख दें।
  • झांकी तैयार करने के लिए वैजयंती फूलों का प्रयोग जरूर करें। वैजयंती फूल कान्हा जी को अति प्रिय है।

इस जन्माष्टमी के दिन अलग अलग रंग के कपड़ों का अलग महत्व होता है। कुछ रंगों के कपड़ों को पहनना बहुत शुभ माना जाता है। कुछ रंग तो भगवान श्री कृष्ण को बेहद प्रिय हैं और इन रंगों को पहनने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। वैसे तो त्योहार के दिन किसी भी हल्के रंग के कपड़ों को पहनना शुभ माना जाता है।

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  • जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल को लगाए भोग

जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की पूजा करें और खीर, सेब और अनार का भोग लगाएं। प्रभु को इन भोग को अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा भोग में पीले रंग की मिठाई भी शामिल कर सकते हैं। लड्डू गोपाल को माखन-मिश्री प्रिय है। इसका भोग लगाने से कान्हा जी प्रसन्न होते हैं।

  • भोग मंत्र

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

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